________________
विशेष----प्रमाचन्द्र न संस्कृत टीका सहित है।
६४८ समाधिशतक भाषा--ब्रह्मचारी शीतला सादजी । पत्र ५० १६:। साइज-२४७६ इन्च | मा हिन्दी। विषय-योग । रचनाकासन्म १७ लेखनसाल-सं. ११... पूर्ण एवं शुरू। दशा-उत्तम । वेष्टन नं।
.
विषय-पुराण
अन्य संख्या-११७ ६४६ अदादरापुराए कथन.."; पत्र सं॥ । साइज-cx. इठच । माषा-संस्कृत । विश्वपुरुस । रचनाकाल ४ ! लेखनकाल ४ ! 'पूर्ण युदं । दशा सामान्य : बेष्टन नं० ४८ |
विशेग-अठारह परःणों का संक्षिप्त कथन है ।
६५० आदि पुराण-महाकवि पुष्पदंन । पत्र सं० १४ । साइज-१:xi इञ्च । माषा-अपभ्रश | विषयपुराण । रचनाकाल x 1 लेखनकाल-सं० १५३ ६ फाल्गुन सुदी । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन ने I
. विशेष - संक्षिप्त प्रशस्ति निम्न : कार है
संबत् १५३५ फागुण सुदी ६ रविवारे उत्तरा नक्षत्रे मुरत्राण गयासुद्दीनरायप्रवर्त्तमान टोडागटदुरों पार्दनार चैत्याल काष्ठासंघ..अनौत कान्वये गोइलगोत्र मिलिक यशोधर..."शाह दाजु इद शास्त्रं लिखापित | अजिंका शांटिक योग्य दत्त ।
६५१ प्रति नं.२ . पत्र सं० २१२ | साइज-११३४५ इञ्च । लेखनकाल–सं० १.२६ अपार युदी १३ । अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण-शीण । वेटन नं. ८६ ।
विशेष--- लेखन प्रशस्ति अपूर्ण हैं । उसका संक्षिप्त भाग इस प्रकार है
संवत् १५२६ वर्षे अषाढ वुदी : ३ गुरी दिने... भट्टारक श्री सिंहकीत्ति देवान तस्याम्नाये गोलापूर्वान्वये श्वावशसमायुक्त मूलसंघोसनुभवः जिनधर्म सदाचारमुद्भूतो उत्तम कुलं । "!
६५२ प्रति न.३। पत्र सं० १७७ | साइज-१२४१ च । लेखनकाल-सं. १६४८ माघ शुक्ला पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ८७ ।
विशेष-खंडेलवालजाति में उत्पन्न साह घिरपाल के पठनार्य ग्रन्थ लिखा गया। लेखक-श्वेताम्बर अमरसि सं० १६५1 में थिरपाल ने इस ग्राम को मुनि नेमचंद्र को भेंट किया था ।
६५३ प्रति नं०४। पत्र सं० २६५ 1 साइज-११४५ इञ्च | लेखनकाल–सं०१६५ : ज्येष्ठ शुक्ला शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं. 1
MA
nand
.
..
Sewa