SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 193
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ धर्म एवं आधार शास्त्र ३२६ विचारसत्तरी महेन्द्र पत्र [सं० साइज - १०x४ इश्व | भाषा - अपभ्रंश विषय | गुणस्थान चर्चा | रचनाकाल । लेखनकाल सं० २०१० वैशाख शुक्ला १ पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा भी । जीर्ण वेष्टन नं० १६२१ । विशेष - हिन्दी में टब्बा टीका मी है । १७२ | । ५२६ वृहद् प्रतिक्रमण रचना | लेखनपाल x पूर्ण ०११२९ तक पत्र है। सामान्य शुद्ध वेष्टन नं० १६६५ × | | । ५३० किमी साहस- १०३४३ भाषा प्राकृत विषयपूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य | वेष्टन नं० १६६६ । । प्रति गौथली माम में हुई थी। धर्मे । रचनाकाल x | लेखनकाल सं० १५४५ पेड सुदी १२ विशेष प्रति सटीक है। टीकाकार श्री प्रमाचन्द है - 1 | पत्र सं० १२३ । साइज - १९९५ इन्च | भाषा - प्राकृत । विषय-धर्म | — नकल है। ५३१ व्रतविधानरांसो संगही दौलतराम पत्र मं० २३ साइज १२४५ १ भाषा-हिन्दी विषय धर्म | रचनाकाल - सं० २७६ आसोज सुदी १० । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा- सामान्य ! वेष्टन नं० १६६१ पत्र [सं० ७ साइज ६३६ इन्च भाषा हिन्दी विषय-श्रावार रचनाकाल-सं० १९५६ | लेखनकाल - सं० १३५६ | सूर्य एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १६६१ । ५३२ व्रत समीक्षा विशेष श्रृंगार बाई ने मंदसौर जनकपुरा में श्री महावीर स्वामी के मन्दिर में जो व्रतों को प्रतिक्षा की भी उसकी ५३३ आवकाचार नदि पत्र [सं०] १२० साइज ११६३ भाषा-संस्कृत विषय शावक - । | - इ | । धर्म वर्णन रचनाकाल x लेखनकाल x अपूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य रेटन नं० १०१२ | ५३४ श्रावकाचार भाषा । मूलकर्ता - श्री गुणभूसा स्वामी । भाषाकार | पत्र सं० ६६ | साइज - १२३८ इश्च | मात्रा - हिन्दी गद्य । वित्रय-त्रक धर्म वर्णन । रचनाकाल x | लेखनकाल - सं० १६१४ | पूर्ण एवं शुद्ध दशासामान्य वेटन नं० २०३१ । ५३५ श्रावकाचार-म० लक्ष्मीसेन पत्र [सं० ५५-११३४ इन्च भाषा-संस्कृत विनयभ रचनाकाल × । लेखनकाल - सं० १५४० श्रावण बुदी ७ गुरुवार पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य । वेष्टन नं० १७३१ । विशेष – गिरिपुर में रावल गंगदास के शासनकाल में प्रतिलिपि हुई थीं । - ५३६ श्रावक प्रायश्चित धर्म । रचनाकाल x | लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा उत्तम । वेष्टन नं० १७२२ | सं० २४ साइज - १९४६ च ५३७ सत्तास्वरूप " भाषा - हिन्दी गद्य विषय-धर्म रचनाकाल × । लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० १८२० । ५३= प्रति नं० २ | पत्र सं० २० | साइज - ११x६ इञ्च । लेखनकाल X| अपूर्ण ६ से ११ तथा २१ । पत्र नहीं है । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १८२० | स्वामी पत्र ०५ साइज १०३४५ हथ भाषा-संस्कृत विषय
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy