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________________ सिद्धान्त ] १६५ प्रति नं० ७ प ५२१०० इस लेखनकाल पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य बेननं २०१६ विशेष---- अमृतचन्द्र सूरि कृत संस्कृत टीका सहित हैं । ! १६६ प्रति नं० पर ०५६ साइज १ ४ । लेखनकाल पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं० १०२०१ विशेष टीका सहित है। १६७ प्रति नं० पत्र [सं० ५५ साइज १०१४ लेखनकाल पूर्ण एवं शुद्ध दशा जीवं बेस्टन नं० २०२१ विशेष - घा० अमृतचन्द्र कृत संस्कृत टीका सहित हैं । १६८ प्रति नं० १० । पत्र सं० ७० । साइज - ११४५ इ | लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध । दशासामान्य वेष्टन नं० २०२० । विशेष प्रति सटीक हैं | टीकाकार श्रमृतचन्द्र है । १६६ प्रति नं० २१ अन्तिम पत्र नहीं है | सामान्य शुद्ध दशा सामान्य । वेष्टन नं० १०२६ २०० पंचास्तिकाय भाषा- यदि हेमराज पत्र ०४ साइज - १२४६ इस रचनाकाल x लेखनफल × । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २०२७ । दशा- जी वेष्टन नं ० १०२ I पत्र सं० १९२ साइज १५ हम लेखनकाल अपूर्ण प्रारम्भ के ३२ तथा २०१ प्रति नं० २ | पत्र सं० २१३ | साइज - ११x४ इञ्च । लेखनकाल x । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । २०२ प्रति नं० ३ पत्र सं० १४६ साइज १३ तथा अन्त के पत्र नहीं हैं। सामान्य शुद्ध दशा सामान्य बेटन नं० २०२६ । १४३ २०३ प्रति नं० ४ पत्र सं० १२२ साइज ११३५३ दशा- सामान्य । वेष्टन नं० २०३० । लेखना० १७२१ पूर्ण एवं शुद्ध । विशेष - साह जोधराज गोदीका ने पढने के लिये श्रानन्दराय तथा रामचन्द महात्मा के पास प्रतिलिपि करवायी थी २०४ प्रति नं० ५। पत्र सं० १३१ साइज - १२५ । लेखनकास X पूर्ण एवं शुद्ध दशा | सामान्य | वेष्टन नं ० १०२३१ विशेष – लिपि सुन्दर है । दशा- सामान्य | वेष्टन नं० १०२४ । लेखनकाल x अपूर्ण प्रारम्भ के १०० २०५ प्रति नं० ६ पत्र ० २२६-११३४६ १ लेखनकाल- सं० २०१० पूर्ण एवं शुद्ध । विशेष प्रथम दी पत्र फिरसे लिख कर जोड़े गये हैं।
SR No.090393
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size11 MB
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