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[ गुरु
संस्कृत
प्राकृत
प्रमयदेव मानतुगाचार्य
संस्कृत
हिन्दी
सागरचन्द्रसूर
दर्शन पाठ सामायिक पाठ प्रतिक्रमण सूत्र पार्श्वस्तोत्र मक्तामर स्तोत्र जिनस्तुति इलापुत्र ऋषि गीत सीमंधास्वामीस्तक शीलोपदेशमाला गौतमप्रच्छावली मवतत्वप्रकरण रात्रिसंयारा विधि पयुर्षणपर्वस्तुति सिंधुपार्श्वनाथस्तुति शांतिनाथस्तवन पंचपरमेष्ठी स्तवन
४१ गार
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२७ पाप
प्राकृत
पष्टिशतपकरण
लिपि सं. १५६॥
७. गाव
आराधना कुलक जीवविचार रात्रिपोषध विधि
चवीस जिनस्तक्न संबोधसत्तरी चर्चा
अजितशांतिस्तवन
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भयहरस्तवन नंदीश्वरस्तवन
सर्वजिनस्तुति पंचमीस्तुति दशवतनियमादि पद्य
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,, लिपि सं० १९७६ आषाढ मुदी
साह जिनदास ने लिखा