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________________ * आनेर भंडार के पन्थ * (३१। यति भावना (संस्कृत) (३५) सरस्वती स्तुति ( संस्कृत ) ३) अत्तलंध, बाहेमविरचित ( प्राकृत ) १९३७) विजुचौगानुप्रेक्षा (प्राकृत ) (३८; अानन्द कथा ( प्राकृत ) (३६) द्वादशानुप्रेक्षा १४०) पंचावरणा । प्राकृत ) (११) कलिकुं जयमाल (संस्कृत) (४२) चतुविशांत जबमाल (१३) दशल ना जयनाल श्री सिंहनन्दि कृत (प्राक: ) (४४) नमीश्वर जयमाल (१५) कलिकुंड जयमाल {प्राकृत) (४६) विवेकजकड़ी (७) मदालसालासवन (संस्कृत) (४८) मृत्युमहोत्सव (१६) निर्वाण करडक (प्राकृत) (५०) सजन चित्तबल्लभ, मल्लिपेणकृत ( संस्कृत ) १५१) भावना बत्तीसी (संस्कृत ) (१२) वृहत् कल्याणक (५३) द्रव्यसंग्रह (५४) परमानन्द स्तोत्र गुटका नं. ४९ लिपिकार अज्ञात । भापा अपभ्रंश, हिन्दी और संस्कृत। पत्र संख्या ७७. साइज ६x६|| इश्व । लिपि संवत् १६८७ कार्तिक सुदी अष्टमी । गुटके के विषय (१) मदनयुद्ध । भाषा अपभ्रंश । गाथा संख्या १५६. रचना काल संवत् १५८६ । (२) पार्श्वनाथस्तोत्र । भाषा संस्कृत । रचयिता श्री पद्मप्रभ देव | पद्य संख्या । A छियालीस
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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