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________________ * श्री महावीरशास्त्र भंडार के अन्य * सकृत भाषा में दे रखा है। प्रति प्राचीन है। अन्त में वृत्तिकार ने अपना परिचय मा दे रहा है। s:: प्रतिम २. बुस्तिकार भट्टारक श्री सफल कीर्ति । पत्र संख्या ७४. साइन ११४५।। इञ्च । लिपि संवत् १२२०. संस्कृत पद्या में सुना का अथ द रखा है....... .. ... ... ... ...... ८७ तत्वज्ञान तरंगिणी ! । चयिता भट्टारक श्री ज्ञान भूषण । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २८. साइज १०||६|| इञ्च । लिपि संवत् १८०७. लिपि स्थान उदयपुर । ८- तीर्थचंदना। भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ५. साज ६x६ इश्व । प्रायः सभी तीर्थों का स्तवन किया गया है। :: तीर्थकरस्तोत्र.. .. . ... . .. ... ... ... ... भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २. साइज १०||४५ इञ्च । लिपि संवत् १६१६ । :::::: १० तेरह द्वीप पूजा। रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २६५. साइज १०|||| इञ्च लिपि संवत १९२४. लिपि का नन्दरोमालिपि'स्थान जयपुर ।' प्रति नवीन है। ite : . . . . . . .. :: : : ६१ दत्तात्रययंत्र । . . . . भाषा संस्कृत पत्र संख्या ३६. साइजx३ इञ्च । प्रति,पूर्ण है.।. विषय-मंत्र. १।। शास्त्र है। २२ दंडक की चौपई। साकार पंदौलतराम । भाषा हिन्दी। पत्र संख्या ६०. साइज !xz.. इंञ्। प्रति नवीन है। अन्तिम पत्र पर एक कागज चिपका हुआ है। : ....... :: :: : :... :..:. :: 63 न . .......... ... ... .. ... ... ... .. .... ! रचयिता पं० भारमल्ल | भाषा हिन्दी पद्य । पत्र संख्या २५. साइज १३४८/इन्छ । प्रति नवीन है।, लिपि सुन्दर है। :: : . .: ५ . :: .... .. .. ... . ६४ दशलक्षण कथा । रमिता श्री लोकसेन । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ११. साइज १०x४ इञ्च । लिपि संवत् १८४० । एक सौ पिच्यासो
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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