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* श्री महावीर शास्त्र भंडार के अन्य *
६१ चंद्रप्रभकाध्य ।
रचयिता श्री वीरनन्दि। भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १४५. साइज १०४५ इञ्च । प्रति नवीन है। लिखावट सुन्दर है।
प्रति नं० पत्र संख्या ६३. साइज १०४४।। इञ्च । प्रति प्राचीन है।
६१ चरचसार ।
रचविता पंडित शिवजीलालजी । भाषा हिन्दी गद्य। पत्र संख्या १३६, साइज १०||४|| इञ्च। प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां है तथा प्रति पंक्ति में २४-२८ अक्षर। प्रति विशेष प्राचीन नहीं है।
६२ चरचाशतक।
भाषाकार श्री द्यानतरावजी । भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ४२२. साइज १०ilx७|| इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १२ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में २८-३२ अक्षर । मध्य भाग के कुछ पत्र गल गये हैं । रचना संवत् १८४२. लिपि संवत् १९३७. श्री विहारीलाल के सुपुत्र श्री हीरालाल के पढ़ने के लिये ग्रन्थ की प्रतिलिपि तैय्यार की गयी।
प्रति नं०२. पत्र संख्या ५४. साइज ७५. इञ्च । लिपि संवत् १६५६ ।
६३ चरचासमाधान ।
रचयिता पं० भूघरदासजी। भाषा हिन्दी : पत्र संख्या ५८. साइज १२४६।। इञ्च । लिपो संवत् १८२०. अन्य के अन्त में भाषा कार ने अपना परिचय भी दे रखा है।
६४ चाणक्य नीति शास्त्र ।
लिपिकर्ता विद्यार्थी जीवराम । पत्र संख्या २७. साइज ६४५ इश्व । लिपि संवत् १८४०. केवल । द्वितीय अध्य य से लेकर अष्टम अध्याय तक है। .
प्रति नं०२ पृष्ठ संख्या १६. साइज ७४४। इञ्च । केवल तीसरा अध्याय है।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या १६. साइज १०x४। इञ्च । प्रति अपूर्ण है। ६५ चिन्तामणि पत्र।
रचयिता ६० दामोदर । भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या १६. साइज १०x४ इश्व । विषय-मंत्र शास्त्र । अजैन मंत्र शास्त्र है। ६६ चौबीस ठाणा ।
रचयिता श्री नेमिचन्द्राचार्य । भापा प्राकृत । पत्र संख्या ३६. साइज १२४५ इञ्च । लिपि संवत्
एक सौ इक्यासी