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* आमेर भंडार के ग्रन्थ
वद्ध मान काव्य |
रचयिता श्री जयमित्र हल | भाषा अपभ्रंश पत्र संख्५२ साइज ६५ इञ् । लिपि सवन् १६२७. प्रशस्ति है । प्रथम पृष्ठ नहीं है ।
प्रति नं० २. पत्र संख्या ५६. साइज ६३४५ लिपि संवत् १५२५.
प्रति नं० ३. पत्र संख्या १२ साइज ११४ || प्रति निपि संवत् १६३१ माह बुदी ११. प्रशस्ति है । लोकसंख्या १३५०.
प्रति नं० ४. १त्र संख्या ५४. साइज १२x४|| इञ् । लिपि संवत् १५६३. प्रशस्ति है।
व्रत कथा कोप |
रचयिता श्री मशालचन्द्र भाषा हिन्दी पत्र संख्या ११४. प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३६-४० अक्षर । रचना संवत् १७८७, लिपि संवत् १८२०.
व्रत विवरण |
संग्रहकर्त्ता अज्ञात | भाषा हिन्दी । साइज १२५|| | नेक व्रत का समय आदि का पू विवरण दे रखा है।
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वर्द्धमान द्वात्रिंशिका |
रचयिता श्री सिद्धसेन दिवाकर | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ४. साइज १० || ४५|| इञ्च | विषय - स्तुति । चरांग चरित्र |
रचयिता श्रीमान मट्टारकदेव । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ७२ साइत १९४४ ॥ इन । प्रत्येक पृष्ठ पर पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३४-३८ अक्षर | लिप सवत् १५६३.
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प्रति नं० २. पत्र संख्या ६७. साइज २१४४ ॥ उञ्च । लिपि काल संवत् १६०५ भादवा बुदी ६. लिपि स्थान दूदू नगर । उक्त प्रति को आचार्य धर्म्मचन्द्र ने पढने के लिये लिखाई थी ।
प्रांत नं ३, पत्र संख्या ७३. साइज १२/१४६ इव । लिपि काल - संवत् १८७३ आसोज सुदी ५. लिपिस्थान ग्वालियर । प्रति नवीन है। अक्षर स्पष्ट और सुन्दर हैं।
मन
प्रति नं० ४. पत्र संख्या ६० साइज ११०५ ३श्र्च | लिपिसंवत् १६६० जेठ सुदी १४. लिपिस्थान
राजमहल ।
प्रति नं० ५. पत्र संख्या २४. साइज १२||३५|| ३ | लिपि संवत् १८४५.
एक सौ चौबीस