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________________ महादेवीसूत्र | रचयिता अज्ञात | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ११. साइज १०x४|| इञ्च | विषय - गणित ज्योतिष । P महापुराणमंग्रह भाषा | भाषाकर्ता अज्ञात भाषा हिन्दी । पत्र संख्या १६३. साइज ११||२५|| इव । प्रति अपूर्ण है प्रारम्भ १३ तथा अन्त के १६३ से आगे के नहीं हैं। गुभद्राचार्य कृत महापुराण को भाषा है । महानाटक | * आमेर भंडार के प्रन्थ पुत्र हैं। + रवता श्री हनुमान | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ८५ साइज १०||४४ इञ्च । लिपि संवत् १७२=. प्रति नं० २. पत्र संख्या ११०. साइज ११४६ इव । लिपि संवत् १७१५. महापुराण | रचयिता महाकवि पुष्पदन्त भाषा अपभ्रंश | साइज १०||४५ इञ्च । पत्र संख्या ४१३ | इसने आगे के नहीं हैं । प्रति नवीन है। आदिपुराण मात्र है । प्रति नं० २ पत्र संख्या २७८ साइज १०२३४५ इञ्च । प्रति अपूरो । केवल १०७ से २७ नक प्रति नं० ३. पत्र संख्या २७१ साइज १०, ४५|| इ | १४६ से आगे के पृष्ठ हैं। लिपित्रत २५६.४. प्रति नं० ४ पत्र संख्या २८६. साइज १०x२ || इ पर १० पंक्तियां और प्रति पंक्ति प्रति नं० ५. पत्र संख्या ३८ साइज १२४४ इल । प्रत्येक ४४-५२ अक्षर | संधि १०२ प्रतिलिपि संवत् १३६१ जेठ बुदी ६. उत्तरपुराण की प्रति है । प्रति नं० ६. पत्र संख्या ३५० साइज १३x६ इञ्च । । तिलिपि अपूर्ण । ३५० पृष्ठ से आगे नहीं है । 227 महापुराण | रचयिता श्री गुणभद्राचार्य । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या २६२. साइज १२४५|| इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ४१-४६ अक्षर लिपि संवत् १७०४. लिपिकार श्री जसवीर ने महाराजा रामसिंह के नाम का उल्लेख किया है | विषय - ६३ शलाकाओं को महापुरुषों का वर्णन | ग्रन्थ के अन्त में विस्तृत प्रशस्ति दी हुई है । : प्रति नं० २. पत्र संख्या ४६४. साइज ११४५ इञ्च । प्रति जीर्णशीर्ण है I प्रति नं० ३. पत्र संख्या २६१. साइज १०० लिपि संवत् १८४६. Stadig medle इव । प्रति नवीन है। अन्तिम कुछ पृष्ठ नहीं हैं । कमी पायी द एक सो ग्यारह
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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