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विह्निदेव और उदयादित्य ।
"छोटे अप्पाजी, उदय, अब चलें, सोएँ।" बल्लाल ने कहा। तीनों आराम करने चले गये।
सवेरा होने से पहले ही, पोय्सल सेना-शिविर फुर्ती से तैयारी में लग गया। पिछली रात को बल्लाल महाराज की जैसी आज्ञा हुई थी, उसी प्रकार सारी सेना का नियोजन हुआ।
विशेष ढंग से बने अंगरी (बस्तर) महाराज और उनके भाइयों ने धारण किये। अव - सेना की अगली कतार में महाराज और विट्टिदेव रहे। उदयादित्य पैदल सेना की पृष्ठवती घुड़सवार सेना की क़तार में छोटे चलिकंनायक के साथ सुरक्षित हुए।
सूर्योदय के साथ-साथ चारों ओर से रणभेरियाँ बज उठीं। उन्हें सुनते ही वृद्ध सन्नद्ध अश्वदल एक बार हिनहिनाकर आगे बढ़ने को तैयार हो गया ।
पताकाधारियों ने जय-जयकार किया। सैनिकों का विशाल प्रवाह महाराज के नेतृत्व में आगे चला। उधर शत्रु सेना अभी तैयारी में लगी थीं। जग्गदेव तब तक अपने हाथी पर हौदे में धनुष-बाण लिये बैठा था। उसकी सेना आगे बढ़ने के लिए फरमान की प्रतीक्षा में थी। जग्गदेव के फ़रमान देने के पहले ही पोटसल सेना ने धावा बोल दिया। नये तेज़ हथियार होने के कारण शत्रु सेना के हाथी घायल हो गये और विवाड़ने लगे। कुछ हाथी पोव्सल के नये हथियारों के आघात से जास्त भोकर पथरा गये। पोय्सल वीरों ने बस्तर पहन रखा था, इसलिए शत्रुओं के तीर उनका कुछ न बिगाड़ सके। कुल मिलाकर जग्गदेव की सेना में आतंक मा फैल गया। जग्गदेव के सैनिकों में यह भावना हो गयी कि वे शत्रु सेना के अश्वारोहियां - वर्षा केधा का सामना कर नहीं सकते। इसी बीच पोव्सल धनुर्धारी सेना ने बाण व शुरू कर दी जिससे अश्वसेना को मदद मिली।
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जग्गदेव स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए पीछे खिसककर अपनी सेना के बीच में आ गया था । बल्लाल ने इसे देखा, विट्टिदेव को इशारे से बताकर आगे बढ़ा। उनके साथ ही काफ़ी संख्या में अश्वसेना भी घुस पड़ीं। कहीं से एक तीर आया और जगदेव के हाथी की आँख में घुस गया। वह हाथी बुरी तरह से चिंघाड़ने लगा । इतने में बल्लाल का तोमर उस हाथी के पेट में घुस गया। उनके पक्ष की तलवारों ने उस हाथी के पैर पर भी प्रहार किये। जग्गदेव ने बल्लाल की छाती पर लक्ष्य कर तीर छोड़ा। वह उन्हें लगकर खनखनाकर नीचे जा गिरा। इसे देख जग्गदेव हक्का-बक्का रह गया।
खाली सिपाही मात्र नहीं हूँ। मैं वीर बल्लाल हूँ।" पोयसल महाराज ने गर्जना की।
जग्गदेव भौचक्का होकर देखने लगा। फिर धनुष पर तीर चढ़ाया ही था कि
203 :: पट्टमहादेवी शान्तला भाग दो