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पृष्ठ संख्या 58 से 68
विषय 2. अर्थ-समुद्देशः
1. अर्थ धन का लक्षण 2. धनादय होने का उपाय 3. अर्थानुबन्ध का लक्षण 4. संचित धन के नाश का कारण 5. तीर्थपात्र का लक्षण 6. धन नष्ट करने वाले साधन 7. तादात्विक का लक्षण 8. मूलहर का लक्षण 9. लोभी का लक्षण
10. लोभी के धन की अवस्था 3. काम समुद्देशः
1. काम का स्वरूप व लक्षण 2. काम सेवन क्रम 3. तीनों पुरुषार्थों की सेवन विधि 4. किसी एक पुरुषार्थ के सेवन से हानि 5. कष्ट सहकर धन कमाने वाले का कथन 6. सम्पत्तियों की सार्थकता 7. अवश इन्द्रियों का कुफल 8. इन्द्रियों को वश करने का उपाय १, इन्द्रिय जय का अन्य उपाय 10. नीतिशास्त्र का परिज्ञान इन्द्रिय जय कैसे 11. काम के दोष निरूपण 12. कामी की क्षति 13. स्त्री में अत्यन्त आसक्ति करने वाले की हानि 14. निति शास्त्र विरुद्ध काम सेवन से हानि 15. धर्म अर्थ व काम पुरुषार्थों में प्रथम किसका अनुष्ठान 16. समयानुसार पुरुषार्थ का अनुष्ठान
17. तीनों पुरुषार्थों में अर्थ की मुख्यता 4. अर्थ अरिषड्वर्ग-समुहेश:
1. राजाओं के अन्तरङ्ग शत्र-काम और क्रोध का निरूपण 2. कामशत्रु का विवेचन
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