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विषय 16. व्यसन समुदेशः __1. व्यसन के लक्षण, भेद, निवृत्ति, शिष्ट लक्षण व कृत्रिम व्यसन
2. 18 प्रकार के व्यसन 17. स्वामी समुद्देशः
1. राजा का लक्षण 2. अमात्य आदि प्रकृति स्वरूप
असत्य व धोका देने से हानि 4. लोकप्रिय, दाता, प्रत्युपकार का फल, कृतज्ञ की कडा आलोचना 5. क्षुद्र, दुष्ट अधिकारीयुक्त राका कृतघ्नतः, पूर्णता, लोभ, जालस्य से हानि 6. उद्योग, अन्यायी, स्वेच्छाचारी, ऐश्वर्य-फल ब राजाज्ञा
राजकर्तव्य आज्ञाहीन राजा की आलोचना, सजा के योग्य पुरुष 8. जो पुरुष राजदण्ड में कारागार की सजा प्राप्त है उसका पक्ष कभी न लें 9. अज्ञात वश, राजक्रोध व पापी राजा से हानि, राजा द्वारा अपमानित व मान्य पुरुष 10. राजकर्त्तव्य व अधिकारियों की अनुचित जीविका 11, राजकर्त्तव्य में घूसखोरी से हानि 12. बलात् धन लेने से राजा-प्रजा की हानि 13. न्याय से प्रजापालन का परिणाम, न्यायी राजा की प्रशंसा 14. किस उपहार को गृहण न करें-हंसी मजाक की सीमा-वाद विवाद का निषेध 15. सेवक किसका ? दरिद्र की लघुता व विद्या का महातम्य 16. लोक व्यवहार निपुण की प्रशंसा
17. कर्तव्य बोधहीन विद्या 18. अमात्य - समुद्देश:
1. सचिव (मंत्री) महामात्म्य बिना राज्य कार्य - हानि 2. मंत्री लक्षण, कर्त्तव्य व आय-व्यय 3. आय व्यय का लक्षण, खर्च का संतुलन, स्वामी व तंत्र का लक्षण 4. मंत्री के दोष एवं अपने देश का मंत्री 5. योग्य अयोग्य अधिकारी, अयोग्यों से हानि बन्धु-भेद व लक्षण 6. मित्र को भी मंत्री पद पर नियुक्त होने के अयोग्य व्यक्ति 7. अधिकारियों की उन्नति, उनकी निष्फलता, राजा की हानि 8. राजतंत्र-स्वयं देख-रेख योग्य, अधिकार, राजतन्त्र व नीति लक्षण,
आय व्यय शुद्धि और उसके विवाद में राजकर्तव्य १. रिश्वत से संचित धन का उपायपूर्वक ग्रहण व अधिकारियों को
धन एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति
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