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________________ 38] महाकवि पुरुपर्वत कृत महापुराण 84-95 बहत्तरवौं संधि पुष्प विमान का वर्णन । चित्रकूट और सीता के यौवन का तुलनात्मक वर्णन । राम की प्रशंसा । स्वर्णमग की चेष्टाएँ। राम का उसका पीछा करना। रावण का राम के रूप में छस से सीता का अपहरण । लंका के लिए प्रस्पान । सीतादेवी की प्रतिक्रिया । भ्यः प्राणियों और प्रकृति की प्रतिक्रिया 1 विद्यारियों का सीतादेवी को फुसलाना। सीसा का कडा उत्तर । सीता की प्रतिज्ञा कि लेखपत्र से प्रिम की खबर मिलने पर ही वह भोजन ग्रहण करेगी। लक्ष्मण को चक्र की प्राप्ति। तिहत्तरवी संधि 96-125 वर्णनगन सेट से हरा की नापसी और सन्ध्या का आगमन । सम्ध्या का वर्णन । सीता की खोज चिन-जन्तुओं और पौधों से सीता के बारे में पूछना । राम को सीता का उत्तरीय मिलना। दशरथ द्वारा राम को सीतापहरण की सूचना । दो विद्याधरों का आकर बालि का वृतान्त कहना । सिद्धकूट जिनालय में जिनेन्द्रदेव की बन्दना । नारद का भविष्य कथन । राम द्वारा सुग्रीव को सहायता का बचन देना 1 हनुमान् का दौत्य वर्णन । समुद्र का वर्णन । त्रिकूट पर्वत का वर्णन । लंका का वर्णन : सिंहासन पर आरूढ़ रावण का वर्णन । हनुमान् का भ्रमर बनकर रावण को समझामा। विद्यारियों और वन की शोभा का वर्णन । धनथी और सीता की कान्तिविहीन श्री की शुलना । हनुमान का आक्रोश और प्रतिक्रिया। रावण की काम-अवस्थाओं का चित्रण। रावण का सीता के सामने होंगे मारना। रावण को मंदोदरी द्वारा समझाना। मंदोदरी को वास्तविकता का पता चलना। सीता की प्रतिक्रिया। हनुमान की सीता से मेंट। अंगूठी और लेख का समर्पण । हनुमान द्वारा अपना परिचय । अभिज्ञान के प्रमाण देना। चहत्तरवौं संधि 1267141 लंका से हनुमान की वापसी और राम से निवेदन । राम द्वारा हनुमान की प्रशंसा। आक्रमण की तैयारी। पंचांग मन्त्र का विचार । फिर से दूत भेजे जाने का निश्चय । पुनः हनुमान को सूत बनाकर भेजा जाना । हनुमान् को राम द्वारा समझाना कि विभीषण से किस प्रकार मिलना है। हनुमान का लंका में प्रवेश । लंका की वनितामों पर उसके रूप की प्रतिक्रिया । विभीषण से भेंट । विभीषण द्वारा रावण से हनुमान की भेंट कराना। रावण का हनुमान के साथ अभद्र व्यवहार। हनुमान द्वारा सीता की वापसी पर जोर देना। रावण के गर्वोक्ति पूर्ण वचन । आबेगपूर्ण उत्तर-प्रत्युत्तर। हनुमान की चुनौती। पचहत्तरवीं संधि 142-153 हनुमान की वापसी और दौत्य कार्य की रपट राम के सामने प्रस्तुत करना । बालि के दूत का आगमन । राम को दुविधा । राम का। बालि के पास दूत भेजना । बालि का संधि करने से इंकार कर देना । बालि का हनुमान् को पटका रमा । घमासान लड़ाई। राम की जीत। किष्किंधा नगरी में प्रवेश | किष्किंधा नगरी का वर्णन | शरद ऋत का आगमन । राम द्वारा विद्याओ की सिद्धि।
SR No.090276
Book TitleMahapurana Part 4
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2001
Total Pages288
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size7 MB
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