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________________ ११८ शब्द चरविहु चडिंठ चडियउ चमकिं चर चम्म चरड चल्लाइउ चविओ चाउइ चीर चुंच चुराई चूतड चेयणराउ चोर छत छंदि छदमु छाल हजार छींक छीजय छेदु जंगम जंपइ छविय छानु छोन्हु जइसी जक्ख जगजणणी जगनु जटाधार LAB - - - - हृत 9214 - — - - - - आंख 30/2 - - - - छत्र 132/4 - स्वच्छंद 62/2 - छल, कपट 32/4 छल 48/2 राख 90/2 - छींक 90/2 - चार प्रकार 140/1 चढ़ा 30/2 चढ़ना 66/3 चमकना 39/3 वस्त्र 39/1 . चांच 77 /2 चोरी करना 47/1 4 - पद्म / पंक्ति शब्द जती जतीय जब जगदान - चमड़ा 90/3 चोर, व्यभिचारी 26/1 चलाया 35/2 चयकर 1/1 चढ़ना 29/3 चेतन राजा 6/2 चोर 24/5 क्षय होना 42 / 3 मंदनजुद्ध काव्य छेदकर 20/3 घूमने वाले 48/1 बोलना 34/2 छविबाला 132/4 छाता 135/4 क्षोभ 129/2 जैसी 23/2 यक्ष 62/3 संसार की माना 2/10 संसार 8/30 जटाधारी 48/1 जम्बणु जहडइ जाह जालु जिम जिव जीते जीय जीही जुअल जुळ जुहारु जूवइ जोगी जोगीय जोडि जोसउ ज्योति झंकारु झडपडहिं शंखड झल्लरी झग्गु झुट्ठ झाला झुल्लिय झल्लरी झिल्लणु उइ — - - - 1 - - - - — - - - - युद्ध 2/1 Ax - - नमस्ते 21/1 - - - युवती 5/1 - योगी 62/4 - जोगी 48/2 - पद्म / पंक्ति यनि 18/20 यति 48/1 जब 32/2 जोड़कर 34/2 धन 134/1 प्रकाश 98/2 झनकार 97/3 झटपट 7614 • पत्ते भरी धूल 89/2 - झल्लरी नामक वाद्य 97/3 ध्यान 121/4 झूठ 32/1 अग्नि की ज्वाला 77/3 - जमदारिन नामक ऋषि 4771 F जन्म 4/5 जहाँ, डाह (ईर्ष्या ) 27/1 जार पुरुष, उपपति 24/5 LAA जाल 78/4 जैसे 34/4 जीवित 33/2 जीत लेना 58/2 जीव 15/2 जीभ 17/5 युगल 3/2 झूलने लगी 37/2 घंटा 97/3 झेलना 127/4 स्थान 24/5
SR No.090267
Book TitleMadanjuddh Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuchraj Mahakavi, Vidyavati Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages176
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size3 MB
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