________________ लघुविद्यानुवाद 673 धारण विधि -7 या 12 कैरेट का पीला पुखराज सोने की अगूठी मे जडवाकर गुरुवार को साय सूर्यास्त से एक घण्टे पूर्व ग्रीवा, भुजा या तोसरो अगुली मे धारण करना चाहिये / 6, 11, 15 रत्ती का पुखराज कभी धारण नहीं करना चाहिये / इसे धारण करने का निम्नाकित मन्त्र है .-- ॐ बृहस्ते प्रति यदिखें अर्हाध मद्विभाति तुमज्जनेषु / यद्दीदयच्छ वश ऋतप्रजात तदस्मामु द्वविणं धेहि चित्रम् / हीरा कौन धारण करे -हीरा शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। शुक्र की दशा मे हीरा धारण करना चाहिये। धारण विधि - शुक्रवार को प्रात: ग्रीवा, भुजा या अगुली मे धारण करना चाहिये / इसे धारण करने का निम्नाकित मन्त्र है : - ॐ अन्नात् परिस्त्रुतों रसं ब्रह्मरणा व्यपिवत् क्षत्रं पयः सोमं प्रजापितः ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोमृतं मधु / नीलम कौन धारण करे :-नीलम शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है / शनि की दशा मे नीलम धारण करना चाहिये। धारण विधि :-5 या 7 रत्ती का नीलम धारण करना चाहिये / शनिवार को सूर्यास्त से दो घण्टे से पहले से 40 मिनट बाद तक इसे एक नीले कपडे मे बाधकर भुजा पर धारण कर, तीन दिन परोक्षा करनी चाहिये / यदि अनुकूल सिद्ध हो, तो धारण किये रहना चाहिये। हृदय पर धारण करने से यह उसे शक्ति प्रदान करता है। इसे धारण करने का निम्नाकित मन्त्र है -- ॐ शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु, पीतये शंयो रभिस्त्रवन्तु नः / गोमेद कौन धारण करे :-गोमेद, राहु गह का प्रतिनिधि रत्न है। राहु की दशा में उनको धागा करने से लाभ होता है। धारण विधि :-गोमेद 6, 11 या 13 कैरट का होना चाहिये। 7, 10 या 16 रनी का कभी नही होना चाहिये / इने धारण करने का समय नायकान अनन्तर दोरान न है। गोमेद रो धारण करने का निम्नाकित मन्त्र है : ___ॐ कयानश्चित ग्राभुव दूती सदा वृधः सखा क्या चिप्या पता /