________________ 671 लघुविद्यानुवाद विधि ---एक लाख जाप से भीपणा सिद्ध हो जायेगो। उसके सिद्ध होने से जनर जिका सिद्ध हो जायेगी। 50 हजार और अधिक जाप से विशाला सिद्ध हो जायेगी। प्राप्ति :-विशाला स्त्री के समान तथा जनरजिका, दासी के समान रहेगी तथा भीषणा इन दोनो के पच की स्थिति मे रहेगी। शोभना-मन्त्रः-ॐ अशोका पहलवा काटकर तले श्री क्षः स्वाहा / विधि :-लाल वस्त्र व माला से तानो समय 14 दिन तक जाप करे, तो शोभना नामक यक्षिणो सिद्ध हो। प्राप्ति :-साधक की स्त्री के समान रहेगी। शाखनी मन्त्र :-ॐ शख धारिणो शंखा भरणे हां ह्रीं क्लीं ग्लीं श्रीं स्वाहा / विधि :-सूर्योदय के समय शख माला से 10 हजार जाप करे, कनेर के फूल, सफेद गाय के घृत तथा आठ प्रकार के धान्य सहित दशास हवन करे, तो शखिनी नामक यक्षिणो सिद्ध हो। प्राप्ति :-अन्न व पाच रुपये प्रतिदिन दे। रत्न, उपभोग, फल व विधि भारत मे भिन्न-भिन्न ग्रहो की दशा मे भिन्न-भिन्न रत्नो को धारण करने का विधान है / इस सम्बन्ध मे निम्नाकित बाते विशेष रूप से ज्ञातव्य है। माणिक्य (मानिक) कौन धारण करें -माणिक्य सूर्य का रत्न है। यदि किसी के जन्म के समय __ सूर्य अनिष्टकारी हो तो उसे माणिक्य धारण करना चाहिये। पारण विधि -कम से कम तीन रत्ती का माणिक्य होना चाहिये। अपने जन्म मास की 1, 6, 10 या २८वी तारीख को या रविवार को प्रात काल ग्रीवा, भुजा या अगुली मे इसे धारण किया जाता है। लालडी (सूर्य मणि) को भी चादी मे जडवाकर रविवार को मध्यान्ह मे धारण किया जाता है। माणिक्य को धारण करने का निम्नलिखित मन्त्र है - ॐ प्राकृष्णेन रजसा वर्तमानों निवेशयन्नमृतं मर्त्यञ्च / हिरण्येन सविता रथेनादेवो याति भुवनानि पश्यन् / / माता कान धारण करें:-मोतो चन्द्रमा का रत्न है। यदि किसी को जन्म के समय चन्द्रमा निबन है तो उसे मोती धारण करना चाहिये। amwamyreemadeसाता