________________ 620 लघुविद्यानुवाद "ॐ ह्रीं क्ष्वीं" इस मन्त्र का उच्चारण कर पुष्पांजलि क्षेपण करे // 1 // ॐ ह्रीं अत्रस्थ क्षेत्रापालाय स्वाहा / / क्षेत्रपालबलिः // 2 // इस मन्त्र का उच्चारण कर क्षेत्रपाल को वलि देवे // 2 // ॐ ह्रीं वायु कुमाराय सर्व विघ्नविनाशनाय महीं पूतां कुरु कुरु हूं फट् स्वाहा / / भूमि सम्मार्जनम // 3 // इस मन्त्र को पढकर भूमिका सम्मान-सफाई करे // 3 // ॐ ह्रीं मेघ कुमाराय धरां प्रक्षालय प्रक्षालय अं हं सं तं पं स्वं झ झ यं क्षः फट् स्वाहा // भूमि सेचनम् // 4 // यह मन्त्र पढकर भूमि पर जल सीचे / / 4 / / ॐ ह्रीं अग्नि कुमारायं हम्व्य ज्वल ज्वल तेजः पतये अमित तेज से स्वाहा // दर्भाग्निप्रज्वालम // 5 // यह मन्त्र पढकर दर्भ से अग्नि सुलगावे / / 5 / / ॐ ह्रीं नौ षष्टि सहस्त्र संख्येभ्यों नागेभ्यः स्वाहा नागतर्पणम // 6 // इस मन्त्र का उच्चारण कर नागो की पूजा करे / / 6 / / ॐ ह्रीं भूमिदेवते इदं जलादिकमर्चनं गृहारण स्वाहा / भम्यर्चनम् // 7 // यह मन्त्र पढकर भूमि की पूजा करे / / 7 // ॐ ह्रीं अहं क्षं वं वं श्रीं पीठ स्थापनं करोमि स्वाहा // होम कुण्डाऽप्रव्यक पीठ स्थापनम // 8 // इस मन्त्र का उच्चारण कर होम कुण्ड से पश्चिम की ओर पीठ स्थापन करे // 8 // ॐ ह्रीं समग्दर्शनज्ञानः चारित्रेभ्यः स्वाहा // श्री पीठाचनम // 6 // इस मन्त्र को पढकर पीठ की पूजा करे / / 6 / / ॐ ह्रीं श्री क्लीं ऐं अहं जगतां सर्व शान्ति कुर्वन्तु श्री पीठे प्रतिमास्थापनम् करोमी स्वाहा // श्री पीठे प्रतिमास्थापनम् / / 10 // यह मन्त्र पढकर श्री पीठ पर प्रतिमा स्थापन करे / / 10 //