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________________ ४४० लघुविद्यानुवाद विशेष मंत्र -ॐ ह्री पद्मे श्रा श्री श्र, श्र नम इस मत्र को १०८ दिन मे कमल पुष्प के अन्दर बीजाक्षर और मत्राक्षर कर्पूर और कस्तुरी से १०८ दिन तक लिखे फिर प्रात समय १०८ दिन तक भक्षण करे तो उस पुरुष की आयु बढती है। लक्ष्मी लाभ होता है । राजद्वार मे मान्यता मिलती है और अत्यन्त सुखी होता है। नोट --जहाँ प्रायु बढाने की यन्त्र विधि लिखी है उस विधि मे ऐसा भी अर्थ बनता है, कि कर्पूर __ कस्तुरी को भक्षण करके १०८ दिन, मे बीजाक्षर सहित मन्त्र को कमल पुष्प के अन्दर १०८ दिन तक प्रतिदिन लिखे। यंत्रनं०८ प्रातवीलाकरामधुरित घनमहासांद्रसिन्दुरधूली। ड्रॉ ड्रॉ श्री मः। दाँ आँश्री | श्रःस्मरंतिमदंगजगमनेरखमादेविपने हाँ वाँ | द्रा द्राँ संध्यारागारूणांगी त्रिदशवरवधूवंद्यपादारविंदे। द्रा डाँ - - Anushpandisha सर्व सुखदायक यंत्र स्तोत्र नं. ३ श्लोकार्थ मन्त्र विधि नं०.८ (८) इस श्लोक का नित्य ही स्मरण करना चाहिये।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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