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________________ समारोह में जयपुर निवासी जैन सगीत कोकिला रानी, आध्यात्मिक सगीत विदुषि . जिन भक्ति सगीत विशारद बहिन श्रीमती कनक प्रभाजी हाड़ा भक्ति सगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए। धर्म ज्ञान एवं विज्ञान ग्रन्थमाला समिति ने चौदहवे पुष्प के रूप मे 'धर्म ज्ञान एव विज्ञान' पुस्तक का भी प्रकाशन करवाकर पारा (बिहार) में प्रायोजित पचकल्याणक महोत्सव मे जन्म कल्याणक के शुभावसर पर परमपूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज के करकमलो द्वारा दिनाक ११-१२-८८ को करवाया है । इस पुस्तक मे जैन धर्म के तत्वो का सरल भाषा मे उल्लेख किया गया है। पुस्तक के लक गणवराचार्य महाराज के परम शिष्य एलाचार्य उपाध्याय सिद्धान्त चक्रवति परमपूज्य श्री १०८ कनक नन्दिजी महाराज है । पुस्तक सभी के लिए पठनीय है। शान्ति मण्डल कल्पः (पूजा) परमपूज्य श्री १०८ प्राचार्य प्रादि सागरजी महाराज की ४६वी पुण्य तिथि- (समाधि ११) के उपलक्ष मे आयोजित समारोह मे परमपूज्य श्री १०८ गणधराचार्य महाराज के करकमलो श्री दिगम्बर जैन मन्दिर चम्पा बाम, ग्वालियर से भारी जनसमुह के बीच दिनांक ५-३-८६ को करवाया।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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