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________________ लघुविद्यानुवाद ___ फल –जो भी व्यक्ति इसकी एक बार भी साधना करले। फिर नित्य ही हाथ को इस मन्त्र से सात बार मन्त्रित कर, उसे सर्वा ग पर फेरे, तो इसके फलस्वरूप हस्तरेखा द्वारा जन्म कु डली बनाने मे हाथ देखकर, फल कहने मे ही सदा सफल नहीं होता, अपितु उसके सूक्ष्म रहस्यो को भी जान लेता है। पचागुलिदेवी हस्तरेखाओ की अधिष्ठात्री देवी है। देवीपंचांगुलीमहायंत्र ॐनमोपचागुली २ परशरी २माताममगलवशीकरणी। Lor मूपिचापनम तसतसायै नमः अकृष्णावरन्यैनम रसायनम ॐकालरात्रेनम ॐअमावस्यैनम श्रीरयनम जयायैनमा भरमत्यै नम ॐकालायैनम ॐकलायै नमा ॐनागेश्वर्यनमा भग्नहोत्रीनमा ॐचक्रेश्वयनमा ॐकामादेनम ॐवीजयायैनमः AWN hc/D दिशाशरणमाष्टमीवरकर मुझपरेनुरोलोकोई करावेजडेजडावेनजिन्नचिन्तावेतसमापेमीमाताभाचागली 'देवीतयो निर्धार पड़ेॐ स्वाहा fo ॐबझण्य नम Hueetic कुमाय नम वाराहीनम Re-uP१६ १५/५१५२/५३/५४/१०/- LETTER इन्द्रायैनम Reg४१ मकायैनम Rechizo 12680लालीनम RP3 मगतीनम GREER दीनम Reeg |२५ महाकालीन ३२चहालीन RPR१७ वालापुष्पेनम PRESERE ०२/२२२ कामासनम ॐकामाल्यैनम भद्रकालीनम Preuka -इयिनमा REPEhe ॐ अंबायैनम BEPEEX रहकर इंदरकार केदार लोहमादक महिनीचौसठ कामविहउनी रणमध्ये राउलमारामध्ये रामानमा भूतHANTAMA HEPALES५६ ॐ प्रेताय नमः हेमकतायैनमॐनरसनम नारसहानम डाय नम 1ॐ पद्यानुनम फरमुल्ले नम अत्रिपुराय नम अनुम ॐ सुलकरायलम नकपतीयनम रोहिण्यै नम *सुमगलाथै नम ॐगीर्याना ललनाय नम अभैरवी नम 49 AJAYPX 614InHeyBLEngineete महायन्त्र का साहान व मन्त्र विधि पर्वक यत्र रचना -प्रथम अष्टदल का कमल बनावे, उसमे क्रमश अहंत, सिद्ध प्राचार्य, उपाध्याय सव साधू, सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र लिखे। फिर उसके ऊपर अष्ट दल फिर बनावे उन
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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