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________________ ३६० ११ ५ २ १६ लघुविद्यानुवाद ८ १० १३ मन्त्र -ॐ ह्री ब्राह्मणी र र र ठ ठ ठ' । - ३ no विधि - लूण राई का होम मन्त्र जाप १०८ वार । पचम घर थंमरण करें सब कोई ||५|| १५ १२ ६ १४ ४ の मन्त्र — ॐ ह्री श्री काला गोरा क्षेत्रपाला जहाँ जहाँ भेजिये तहाई कर वाला गाजत प्राया वाजत जाय । द्योरत जाव उडत जाव, काला कलवा वाटका घट का चाले का भोव का पराइरण का चुहड का चमारी का प्रगट करे इस घर की चादर रक्षा बढाई करे । गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा | दूजे घर तै जो ग्रनसरै रोग जहा लो सब परहरै ||२|| मन्त्र - ॐ ह्री श्री पद्मावती प्रसादात रोग दु ख विनास नाई गुरु को शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा | तीजे ठास जात घर आवे || ३ || मन्त्र — ॐ ऐ ता विश्रधारणी झगडा जितिनी कुरु कुरु स्वाहा, गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा | चौथे चर उच्चाट लगावे ||४|| Ĉ मन्त्र :- ॐ अजता अजत सासताई स प ष. अ ग्रमुक मुख वधन कुरु स्वाहा । छठे घर झट कचन फुन होय || ६ || मन्त्र :- ॐ नमो जहाँ २ जाए वेग कारज करु धनषुन वीर धन ले ग्राव, वेग ले ग्राव, धनपुन वीर की वाचा फुर कुरु स्वाहा । मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा |
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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