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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० १६०
यन्त्र न० १६१
७२
६७ । ७०
यन्त्र बुझारी के माहि लिखकर के मशान मे गाडे, तो स्त्री की कू ख बन्द होय ॥१०॥
यन्त्र आक की जड सू लिख, माथै राखे, तो देवता प्रसन्न होय ।।१६।।
यन्त्र न० १९२
देवदत्त
यह यन्त्र गर्म पानी मे रखिये। तीन दिन मे शीत ज्वर जाय। शीतल पानी मे रक्खे शीत ज्वर जाय, हाथ मे वाधे वेला ज्वर जाय, धूप खेवै, भूखो को जिमावै ।।१६२।।।