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व्यक्तियो मे सर्वश्री भागचन्दजी सोनी, साहू श्रेयास प्रसादजी जैन, श्री निर्मल कुमारजी सेठी, श्री त्रिलोकचन्द कोठ्यारी, श्री पूनमचन्द जी गगवाल (झरिया वाले) आदि उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता श्री पन्नालालजी सेठी (डीमापुर) वालो ने की थी। समारोह मे मूडबद्री व कोल्हापुर के भट्टारक महास्वामी जी भी उपस्थित थे।
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श्री चतुर्विशति तीर्थकर अनाहत (यत्र मत्र विधि)
ग्रन्थमाला समिति ने द्वितीय पुष्प 'श्री चतुर्विशति तीर्थकर अनाहत" (यन्त्र-मन्त्र विधि पुस्तक) कन्नड से हिन्दी मे अनुवादित करवाकर इसका प्रकाशन दिनाक ६-५-८२ को श्री पार्श्वनाथ चूलगिरि अतिशय क्षेत्र जयपुर (राजस्थान) मे आयोजित पचकल्याणक महोत्सव के शुभावसर पर भारत गौरव श्री १०८ प्राचार्यरत्न देशभूपरणजी महाराज के कर कमलो द्वारा विमोचन करवाया गया। इस समारोह में भी देश के विभिन्न प्रान्तो से आये हुये काफी संख्या में लोगो ने भाग लिया और समारोह बहुत ही सुन्दर रहा । समारोह की अध्यक्षता श्री सुरेशचन्दजी जैन दिल्ली वालो ने की।
तजो मान करो ध्यान
- भारत गौरव आचार्यरत्न श्री १०८ देशभूषणजी महाराज का चातुर्मास वर्ष १९८२ मे जयपुर मे हुआ और इसी वर्ष दशलक्षण पर्व के शुभावसर पर समिति ने अपने तृतीय पुष्प के रूप मे 'त जो मान करो ध्यान" पुस्तक का प्रकाशन करवाकर प्राचार्य श्री के ही कर कमलों द्वारा दिनाक