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लघुविद्यानुवाद
३४३
यन्त्र न०१४८
यन्त्र न १४६
२०
___ २३
२७
७
__२२ ।
२५
इस यन्त्र को थाली मे लिखकर, धोकर पिलावे सर्व ज्वर ठीक हो जावे ।।१४६।।
यह यन्त्र भोज पत्र पर अष्टगध से लिखे, दीतवार (रविवार) के दिन पास मे रखे तो राड़ जीत कर घर आवे । सत्य व तथा यन्त्र को बालक के गले वाधे तो नजर न लगै ।।१४८॥
विजय यत्र न० १५०
स्वा
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३२ | ३१ | ह्री | वा
ॐ
नो
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ह्रा ! जी
स्वा । हा