SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 345
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८० लघुविद्यानुवाद मकान मे बराबर निकलता हो अथवा घर नही छोडता हो तो अस्सीया यन्त्र सिन्दूर से मकान की दीवार पर लिख कर और जहा तक हो ऐसी जगह लिखना चाहिये कि जहा सर्प की दृष्टि यन्त्र पर गिर जाय अथवा कासी की थाली मे लिखा हुआ तैयार रखे सो जव सर्प निकले जब उसे थाली बता देवे सो सर्प का भय मिट जायेगा । और उपदव नही करेगा । विधान तो बताता है कि सर्प उस मकान को छोडकर ही चला जायगा । किन्तु समय का फेर हो तो इतना फल नही देता है तो भी उपद्रव भय तो नही रहेगा। ऐसा समय घर मे सर्प हर नाम की औषधि जो काश्मीर जिले मे बहुतायत से मिलती है मगवा कर घर में रखने से सर्प तत्काल निकल जायेगा। लेकिन सप को मारने की बुद्धि नहीं रखना चाहिये । सर्प को सताने से वह क्रोध कर के काटता है वह समझता है मुझे मारते है और सताया न जाय तो वह अपने आप चला जाता है ॥३२॥ भूत प्रेत हर पिच्चासिया यन्त्र ॥३३॥ अक्सर (प्राय. ) जब मकान मे कोई नही रहता हो और बहुत समय तक बेकार सा पडा होतो ऐसे मकान में भूत प्रेत अपना स्थान बना लेते है और भूत प्रेत नही भी बसते हो और मकान मे रहने लगे उसके बाद कुछ अनिष्ट हो जाय तो उस मकान मे परिवार यन्त्र न ३३ के लिये बहम सा हो जाता है और मकान को खाली कर देते है। लोकवाणी फैल जाती हैं और ऐसे मकान मे कोई बिना किराये भी रहने को तैयार नही होता है। ऐसी अवस्था
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy