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________________ २६६ लघुविद्यानुवाद लक्ष्मी प्राप्ति बीसा यन्त्र ।। १५ ।। अनेक उपाय ससार मे गतिमान हो रहे है और ऐसे ससार मे लक्ष्मी की लालसा अधिक रहा करती है । इसीलिये लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कार्यो की सफलता के लिये यह यन्त्र काम मे ता है । जिसको इस यन्त्र का उपयोग करना हो तब उत्तम समय देखकर प्रष्ट गध से या पच गंध 1 ॐ ६ यन्त्र न० १५ र्ट १० हाँ ३ 2০ -ht हः से लिख ले । कलम सोने की या अनार की अथवा चमेली की जैसी भी मिल सके लेकर भोजपत्र या कागज पर लिखे और यन्त्र को अपने पास मे रखे । हो सके तो इस तरह का यन्त्र ताबे के पत्र पर तैयार करा, प्रतिष्ठित करा, निज के मकान मे या दुकान मे स्थापना पर नित्य । शाम घी का दीपक कर दिया करे तो लाभ मिलेगा । इष्टदेव के स्मरण को न भूले । पुण्य सचय करे पुण्य से आशाएँ फलती है और दान देवे तो लक्ष्मी की प्राप्ति होती है || १५ || पूजा । सुबह भूत-पिशाच डाकिनी पीड़ा हर बीसा यन्त्र ॥१६॥ जब ऐसा बहम हो जाय कि भूत पिशाच ढाकिनी पीडा दे रही हो तब यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र वाले को तलाश की जाती है । और इस तरह के बहम अक्सर स्त्रियो को हो जाया करते है और ऐसे बहम का असर हो जाने से दिन भर सुस्ती रहती है रोती है, रुग्णता रखती है और ऐसे बहम का ग्रसर और पाचन शक्ति कम हो जाती है । और भी कई तरह के उपद्रव हो जाने से घर के सारे
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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