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________________ परम पूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्थ सागरजी महाराज व उनके विशाल संघ सानिध्य में माह फरवरी, १९६० बड़ौत (उ. प्र.) में प्रायोजित मुनि दीक्षा समारोह के शुभावसर पर प्रकाशित STAR ग्रथ प्राप्ति स्थान । श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रन्थमाला समिति, कार्यालय : १६३६, जौहरी बाजार, धी वालो का रास्ता, कसेरो की गली, जयपुर-३०२००३ (राज.) AS सर्वाधिकार सुरक्षित & मूल्य 54500 (डाक व्यय अतिरिक्त) - मुद्रक मूनलाइट प्रिन्टर्स, जयपुर-3 गरणधराचार्य महाराज को आज्ञानुसार पाठको से नम्र निवेदन प्रस्तुत ग्रथ यत्र, मत्र, तत्र विद्या का एक मात्र सदर्भ ग्रंथ है। इसका विनय पूर्वक अध्ययन करे और यथा स्थान पर रक्खे, जिससे इसका अविनय नही हो। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि यह ग्रन्थ किसी भी ऐसे व्यक्ति के हाथ मे न जावे जो इस बात का ध्यान नही रक्खे और इसका दुरुपयोग करे । अन्यथा आप दोष के भागी होगे। प्रकाशन संयोजक HOMEMAMANANAMANANAMAHAMANANAHANEMAHANA
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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