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________________ मन्त्र - ॐ ह्र सर्व दुष्ट जनं वशी कुरु २ स्वाहा । विधि . - इस मन्त्र का भी १०८ बार स्मरण करने से वशीकरण होता है । मन्त्र :- ॐ ह्रीं श्रीं कूष्मांडि देवि मम सर्व शत्रु वशं कुरु २ स्वाहा । विधि - इस मन्त्र का १०८ बार स्मरण करे, वशीकरण होता है । लघु विद्यानुवाद • मन्त्र :- ॐ ह्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा । विधि - इस मन्त्र से सुपारी मन्त्रित करके जिसको दिया जाय वह वशी होता है । मन्त्र :- ॐ नमो देवीए ॐ नमो भररगीय ठः ठः । विधि :- इस मन्त्र से काजल १०८ बार मन्त्रित करके प्रॉख मे आजने से सर्वजन वशी होता है । अंबिके मम सर्वा सिद्धि देहि देहि मन्त्र - ॐ ह्रीं श्रीं सिद्ध बुद्ध माला ह्री नमः । विधि • - पुत्र की इच्छा रखने वालो को नित्य ही १०८ बार स्मरण करना चाहिये । मन्त्र -- ॐ ह्रीं श्रीं क्ली ब्लू ं द्रां द्री द्र ं द्रः द्रावय २ हुं फट् स्वाहा । विधि --इस मन्त्र 'तेल और चावल मन्त्रित कर देने से सुख पूर्वक प्रसव होता है । १४१ मन्त्र -- ॐ शुक्रकामाय स्वाहा । विधि - इस मन्त्र से कन्या कत्रित सूत को २१ बार मन्त्रित करे, फिर सात बार मन्त्र को पढकर उस सूत को कमर मे बाधे तो शुक्र का ( वोर्य) स्तम्भन होता है । मन्त्र - ॐ नमो भगवउ गोयमस्स सिद्धस्स बुद्धस्स प्रक्खीण महारणसस्स अवतर -- अवतर स्वाहा । विधि इस मन्त्र से अक्षत ५०० बार मन्त्रित करके बिकने वाली चीजो पर डालने से क्रय-विक्रय लाभ होता है । मन्त्र :- सीता देलागउ घाउ फूकिउ भलउ होइ जाउ । विधि :- इस मन्त्र से तैल ७ बार मन्त्रित करके घाव पर लगाने से और २१ बार मन्त्र पढकर घाव ऊपर (पुक्का प्रदान विधियते) घाव भरने लगता है । मन्त्र :-- सोवन कंचोलउ राजादुधु पियइ घाउ न प्रउघाइ भस्मांत होइ जाइ । विधि :- कुत्त े के काटने पर इस मन्त्र से भस्म मन्त्रित कर लगाने से अच्छा होता है ।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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