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________________ १३० लघुविद्यानुवाद मन्त्र :-ॐ घंटा कर्ण महावीर सर्व व्याधि विनाशनः चतुः पदानां मले जाते रक्ष रक्ष महा बलः। विधि .-इस मन्त्र को सुगन्धित द्रव्यो से भोज पत्र पर लिखकर घण्टा मे बाधे फिर उस घण्टा को जोर से बजावे, जितने प्रदेश मे घण्टे की आवाज जायेगी उतने प्रदेश के मल दोप नष्ट होगे सर्व व्याधि नष्ट होगी। मन्त्र :-ॐ चन्द्र परिश्रम २ स्वाहा । विधि -एक हाथ प्रमाण बाण (शर) को लेकर २१ दिन तक इस मन्त्र से रिघणी वाय को ताडन करे तो रिगणी वाय नष्ट होती है। मन्त्र -ॐ कमले २ अमुकस्य कामलं नाशय २ स्वाहा । विधि .-इस मन्त्र से चने मन्त्रित करके खाने से कामल वाय नष्ट होती है । मन्त्र :-ॐ रां री रू रौ रः स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से २१ बार दिन ३४ तक हाथ से झाडा देवे तो कामल वात नष्ट होता है। मन्त्र :--ॐ कामली सामली विवहिन कामली चडइ सामली पडइ विहुसुइ सारतरणी। विधि :-इस मन्त्र से कामल वात नष्ट होता है। मन्त्र :-ॐ नमो रत्नत्रयाय ॐ चलट्ठ चूजे स्वाहा । विधि -इस मन्त्र को रोते हुये बच्चे के कान मे जपने से बच्चा चुप हो जाता है, रोता नही है। मन्त्र - इष्टि महादृष्टि विद्विष्टि स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से दृष्टि दूर होती है । मन्त्र :-ॐ मातंगिनी नाम विद्या उग्रदंडा महावला लूतानां लोह लिंगानां यच्चहलाहलं विषं गरुडो ज्ञापयति (लूत्तागड़ गंडादि)। विधि -इस मन्त्र से मकडी का जहर निकल जाता है। मन्त्र :-ॐ नमो भगवऊ पार्श्व चंद्राय पद्मावती सहिताय सर्व लूतानां शिरं छिद छिद २ भिद २ मुच २ जा २ मुख दह २ पाचय २ हुं फट् स्वाहा । विधि .-यह भी मकडी विप दूर करने का मन्त्र है।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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