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________________ विधि मन्त्र :- सुयर वाले हिंगेरु येहि एहि । उत्तारि लघुविद्यानुवाद —इस मन्त्र से ७ बार हाथ से झाडा देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है । अन्तु नहि फलेहि प्रभुका विछि उलग्रउ १२५ विधि - इस मन्त्र से प्रथम कपडा को मोडता जाये, तो बिच्छू का जहर उतर जाता है । मौन से मन्त्र पढना चाहिये | मन्त्र :- ॐ कुरु कुल्ले ह्रीं फट् स्वाहा । विधि - तृरणाग्रेण वृश्चिक अकुटकं सप्तवार स्पृश्यते हस्ते गृह्यते न लगती यदपि पतति भूमौ तदा पुनस्तथैव स्पृश्यते शिरीष वृक्ष फले घषित्वा लगित्ते डकादपि वृश्चिक नुत्तरति । ॐ जः हः सः । मन्त्र : विधि - इस मन्त्र से सिर दर्द ठीक होता है । ॐ वैष्णवै हुं स्वाहा । मन्त्र : मन्त्र :- ॐ क्षं क्षं शिरोवेदनां नाशय २ स्वाहा । विधि :- ऊपर लिखे दोनों ही मन्त्र सिर का दर्द मिटाने का है, इस मन्त्र को २१ बार पढने से सिर वेदना ठीक होती है । मन्त्र :- ॐ पूं पूं हः हः दुदुः स्वाहा । विधि :- इस मन्त्र को केशर से भोजपत्र पत्र लिखकर कान मे बाघने से श्रद्ध शिसा रोग शान्त होता है। मन्त्र :-- ध भेदकं सिरती नाशय २ स्वाहा । विधि :-- इस मन्त्र को गौरोचन से भोजपत्र पर लिखकर कान में बांधने से आधासीसी शान्त होता है । मन्त्र :-- प्रावइ २ उद्ध फाटिउमरि सिजा ३ चाउंड हरणी प्रारण जइ २ हइ । मन्त्र :- ॐ ह्रीं री रीं रुं यः क्षः । विधि - इस मन्त्र को २१ बार जपने से सिर पीडा की शांति होती है । मन्त्र :--ॐ महादेव नील ग्रोव जय धर ठः ठ स्वाहा । विधि - इस मन्त्र से भी सिर पीडा शान्त होती है । मन्त्र :- ॐ ऋषभस्य किरु २ स्वाहा ।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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