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________________ वृषभ स्वर्ण प्रवाहमा ५०० धनुष ४५. " इक्ष्वाकु गज . . . . . सुग्रीव . :: :: :: :: :: . . तीर्घकर नाम १. ऋषभदेव २. अजितनाथ ३. संभवनाम ४. भभिनन्दननाथ ५. सुमतिनाथ ६. पद्मप्रभ ७. सुपापर्वनाथ ६. चन्द्रप्रभ . पुष्पदन्त १७. शीतलनाथ ११. श्रेयान्सनाप १२. वासुपूज्य १३. विमलनाथ १४. अनन्तनाथ १५. धर्मनाथ १६. शान्तिनाथ १७. कुन्युनाथ १६. धरनाथ १६. मल्लिनाथ २०. मुनिसुवतनाथ २१. ममिनाथ २२. नेमिनाय २३. पार्श्वनाथ २४. महावीर तीथकरों के सम्बन्ध में कुछ ज्ञातव्य बात वर्ण पिता का नाम माता का नाम जन्म भगरी नाभिराय भश्वेवी अयोध्या जितशत्र विजया अश्व जितारि सुसेना धावस्ती बन्दर संबर सियार्या अयोध्या चकवा मेषप्रभ मंगला कमस बत घरण सुसीमा कौशाम्बी स्वस्तिक हरित सुप्रतिष्ठ पृथिबी वाराणसी अर्धचन्द्र धवल महासेन लक्ष्मीमती चन्द्रपुरी मगर रामा काकन्वी श्रीवृक्ष नम्बा गेंडा वेणुदेवी सिंहपुरी भंसा बसुपूज्य विजया सम्पा शूकर कृतवर्मा जयश्यामा कंपिसा सिंहसेन सर्पयशा अयोध्या भानु मुद्रता रत्नपुर हरिण विश्वसेन हस्तिनापुर बकरा सूर्यसेन श्रीमतीदेवी मत्स्य मुदर्शन कलश प्रभावती मिथिलापुरी कूर्म सुमित्र एमा বাবু नीलकमल स्वणं विजय वप्रिला मिथिलापुरी शंख समुद्रविजय शिवदेवी शौरीपुर सर्प हरित अश्वसेन वर्मिला वाराणसी स्वर्ग सिद्धार्थ प्रियकारिणी कुभलपुर विष्णु ० . ० सेही ० बच्च ४५" इक्ष्वाकु ० श्रीमतीदेवी .. K मित्रा " २५ " २. " स्वात यादव नील नील १० इक्ष्वाकु यादव उप सिंह 4
SR No.090192
Book TitleJain Dharma ka Prachin Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherGajendra Publication Delhi
Publication Year
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Story
File Size15 MB
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