________________
घण्टाकरण मंत्र कल्पः
[ २३
घण्टाकर्ण मरिणभद्र यंत्र यह घण्टाकर्ण मणिभद्र यंत्र है, इस यंत्र को एकग्रता पूर्वक चांदी के पत्रे पर खुदवा कर इसकी प्राण प्रतिष्ठा करें ।
फिर यंत्र के सामने बैठकर नित्य ही इसका जाप्य करें। यंत्र का पंचामृत से अभिषेक करें । फिर यंत्र की दीप धूपादि से पूजा करें।
यंत्र का ध्यान करें तो सर्व प्रकार की प्राधि, व्याधि रोग, उपसर्ग, उपद्रव, व्यंतरादिक बाधा दूर होती है । घर धन धान्य से पूर्ण होता है, शत्रु चरणों में पड़ा रहे, किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होता, साधक देवों के समान सुख भोगे, निःसंतान को संतान प्राप्ति होती है, मृतवत्सा दोष दूर होता है, अभागी सौभाग्यवती होती है, मूर्ख ज्ञानवान होता है ।
हः | १८/३६
गाआअ.
{ यंत्र चित्र नं० ११.ब]