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परम पूज्य श्री १०८ समाधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज के विशाल संघ सहित राजस्थान प्रान्त में श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र तिजारा में प्रवेश केशुभावसर पर प्रकाशित
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सर्वाधिकार सुरक्षित
मूल्य :
(sin व्यय अतिरिक्त)
60
मुद्रक : मूनलाइट प्रिन्टर्स, जयपुर-३
ग्रन्थ प्राप्ति स्थान :
श्री विगम्बर जैन कुन्यु विजय ग्रंथमाला समिति १६३६, जौहरी बाजार, घी वालों का रास्ता:
कसेरों की गली, जयपुर - ३ (राज.)
गणधराचार्य महाराज की प्राज्ञानुसार पाठकों से विनम्र निवेदनप्रस्तुत ग्रंथ यंत्र मंत्र का ग्रंथ है। इसका विनय पूर्वक अध्ययन करे और यथा स्थान रक्खें, जिससे इसका प्रविनय न हो । साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि यह ग्रंथ किसी भी ऐसे व्यक्ति के हाथ में न जाने पाये जो इस बात का ध्यान नहीं रक्खे और इसका दुरुपयोग करें । अन्यथा ग्राप दोष
के भागी होंगे ।
प्रकाशन संयोजक
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