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गणितसारसंग्रह
शब्द
अध्याय पृष्ठ
स्पष्टीकरण
अभ्युक्ति
कोटि
कोटिका
क्रोश
कृति
कृष्णागरु
खर्व
खारी गच्छ गण्डक
करोड़, संकेतना का आठवाँ स्थान । वस्त्र, आभूषण तथा बेत का संख्यात्मक | परिशिष्ट ४ की माप।.. -- -
सूची ७ देखिये। लम्बाई ( दूरी) का माप । परिशिष्ट ३ की
सूची १ देखिये। वर्ग करण क्रिया। सुगन्धित काष्ठ की काली विभिन्नता । संकेतना का तेरहवाँ स्थान । धान्य का आयतन सम्बन्धी माप । श्रेढि के पदों की संख्या। स्वर्ण का भार माप ।
परिशिष्ट ४ की
सूची ४ देखिये। पूर्वाह्न में बीता हुआ दिनांश । स्वर्ण या रजत का भार माप । परिशिष्ट ४ की
सूचियाँ ४ एवं
५ देखिये। जीवा।
गतना ड्य गुञ्जा
गुण
गुणा।
गुणकार गुणधन
गुणोत्तर श्रेदि के पदों की संख्या के तुल्य साधारण निष्पत्तियों को लेकर, उनके परस्पर गुणनफल में प्रथम पद का गुणा करने से गुणधन प्राप्त होता है। गुणोत्तर श्रेढि (Geometrical
progression). काल माप
गुण सङ्कलित
परिशिष्ट ४ की सूची २ देखिये।
५३-५४
किसी राशि का घन करना: जिस राशि का घनमूल निकालना इष्ट होता है, उसे इकाई के स्थान से प्रारम्भ कर तीन-तीन के समूह में विभाजित कर लेते हैं । इन समूहों में से प्रत्येक का दाहिनी ओर का अंतिक अंक घन कहलाता है। घनमूल निकालने की क्रिया।
बन मूल