SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 340
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट १ संख्याओं का अभिधान करनेवाले सामान्य और संख्यात्मक अर्थबोधक संस्कृत शब्द शब्द सामान्य अर्थ संख्या अभिधान उद्गम अक्षि अग्नि site The eye आग Fire मनुष्य की दो आँखें होती हैं। ३ होमानियों की संख्या ३ है, अर्थात् , गार्हपत्य, आहवनीय और दक्षिण । शून्य को छोड़कर केवल ९ अङ्क होते हैं। वेदों के अध्ययन के संबंध में ६ विभाग होते हैं, अर्थात . शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्दस् , ज्योतिष । अङ्क संख्या Number विज्ञान का एक विभाग An auxiliary division or department of science पर्वत A mountain अङ्ग अचल पौराणिक भूगोल में माने गये ७ मुख्य पर्वत जो कुलाचल कहलाते हैं; अर्थात् , महेन्द्र, मलय, सह्य, शक्तिमत् , ऋक्ष, विंध्य, पारियात्र। | अचल देखिए। अद्रि पर्वत A mountain अनन्त । आकाश The sky | आकाश को शून्य समझा जाता है। अनल आग Fire अग्नि देखिए। अनीक | सेना An army संस्कृत में ८ प्रकार की सेनाओं का उल्लेख है, अर्थात् पत्ति, सेनामुख, गुल्म, गण, वाहिनी, पृतना, चमू, अनीकिनी। (जिनागम में गण की जगह अक्षौहिणी का उल्लेख है।) अनन्त देखिए। अन्तरिक्ष आकाश The sky . अन्धि अम्बक अम्बर महासागर The ocean ४ चार महासागर माने जाते हैं, अर्थात् , पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी। आंख The eye २ | अक्षि देखिए। | आकाश The sky | 0 | अनन्त देखिए ।
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy