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________________ Mee Me Se sairaacococo 30swor श्रीमती पारसदेवी मोहनलाल जी पारख, हैदराबाद श्री मोहनलाल जी सा. मूलतः लाम्बिया (मारवाड़) निवासी हैं। आप बहुत ही उदार हृदय के धर्मप्रेमी सज्जन है। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में सदा सहयोग प्रदान करते रहते हैं। हैदराबाद में आपका फाइनेन्स का व्यवसाय है। साधु-सन्तों के प्रति विशेष भक्ति-भाव है। श्रीमती पारसदेवी भी बहुत सरलमना, सेवाभावी और धार्मिक कार्यों में तन-मन-धन से सहयोग करती रहती हैं। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी हैं। श्रीमती हरीलाल जी कोठारी, बम्बई श्रीमान हरीलाल जी सा. कोठारी मेवाड़ संघ शिरोमणि स्व. प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी म. के प्रति विशेष भक्ति-भाव रखने वाले धर्मप्रेमी उदार हृदय सज्जन हैं। आप समाज के सभी कार्यों में तन-मन-धन से आगे रहकर सेवा करते थे। बड़े ही हँसमुख, सरल स्वभावी और दानी सज्जन थे। आप मूलतः सेमा (मेवाड़) निवासी हैं। वर्तमान में 'कोठारी ज्वैलर्स' नाम से सायन (बम्बई) में आपका व्यवसाय है। आप ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य हैं। स्व. श्रीमती हंजाबाई प्रेमचन्द जी साकरिया, बम्बई आपका जीवन बहुत ही धर्ममय/त्यागमय था। आपके सुपुत्र श्री साकलचन्द जी, डॉ. घीसुलाल जी आदि सभी परिवार की पूज्य गुरुदेव के प्रति बाहरी श्रद्धा एवं भक्ति है। साकरिया ब्रदर्स नाम से सावन (बम्बई) में आपके परिवार का मेडिकल व्यवसाय है। आगम अनुयोग ट्रस्ट को आपका सक्रिय सहयोग मिला है। स्व. श्रीमती शिमलारानी जैन, दिल्ली कपूरथला निवासी श्री जितेन्द्रनाथ जैन की धर्मपत्नी श्रीमती शिमलारानी बहुत ही धार्मिक भावना वाली श्रखा श्राविका थीं। श्री जितेन्द्रनाथ जी अच्छे श्रद्धालु श्रावक हैं। आपके श्री महेन्द्र जैन, रवीन्द्र जैन आदि तीन सुपुत्र तथा दो पुत्रियाँ हैं। परिवार का दिल्ली एवं बम्बई में मेटल व्यवसाय है। पूज्य महासती श्री मुक्तिप्रभा जी म. की प्रेरणा से आप ने ट्रस्ट की सदस्यता ग्रहण कर आगम प्रकाशन में सहयोगी बने हैं। 33roa డి డి డి డి డి డి డి డి Seee Ne Me డి డి డి డి 00000 1000006
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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