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________________ १७०२ प. एएसिणं भंते ! जीवाणं,१.कोहसमुग्घाएणं, २. माणसमुग्घाएणं, ३. मायासमुग्घाएणं, ४. लोभसमुग्धाएणय समोहयाणं, ५. अकसायसमुग्धाएण य समोहयाणं, ६. असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा जीवा अकसायसमुग्घाएणं समोहया, २. माणसमुग्घाएणं समोहया अणंतगुणा, ३. कोहसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, ४. मायासमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, ५. लोभसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, ६. असमोहया संखेज्जगुणा। प. द.१. एएसिणं भंते !णेरइयाणं १.कोहसमुग्घाएणं, २. माणसमुग्धाएणं, ३. मायासमुग्धाएणं, ४. लोभसमुग्घाएणं समोहयाणं, असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा णेरइया लोभसमुग्घाएणं समोहया, २. मायासमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, द्रव्यानुयोग-(३) प्र. भंते ! इन जीवों के १. क्रोधसमुद्घात, २. मानसमुद्घात, ३. मायासमुद्घात, ४. लोभ समुद्घात से समवहत, ५. अकषायसमुद्घात से समवहत और ६. असमवहत जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प अकषायसमुद्घात से समवहत जीव हैं, २. (उनसे) मानकषाय से समवहत जीव अनन्तगुणे हैं, ३. (उनसे) क्रोधसमुद्घात से समवहत जीव विशेषाधिक हैं, ४. (उनसे) मायासमुद्घात से समवहत जीव विशेषाधिक हैं, ५. (उनसे) लोभसमुद्घात से समवहत जीव विशेषाधिक हैं, ६. (उनसे) असमवहत जीव संख्यातगुणे हैं। प्र. दं. १. भंते ! इन १. क्रोधसमुद्घात, २. मानसमुद्घात, ३. मायासमुद्घात और ' ४. लोभसमुद्घात से समवहत और असमवहत नारकों में ___ कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प लोभसमुद्घात से समवहत नारक हैं, ३. माणसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणाा, २. (उनसे) मायासमुद्घात से समवहत नारक संख्यात गुणे हैं, ३. (उनसे) मानसमुद्घात से समवहत नारक संख्यात गुणे हैं, ४. (उनसे) क्रोधसमुद्घात से समवहत नारक संख्यात ४. कोहसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ५. असमोहया असंखेज्जगुणा। प. दं. २-११. असुरकुमाराणं भंते ! १-४. कोहसमुग्घाएणं जाव लोभसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा असुरकुमारा कोहसमुग्घाएणं समोहया, २. माणसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ३. मायासमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ५. (उनसे) असमवहत नारक असंख्यातगुणे हैं। प्र. द.२-११. भंते ! १-४ क्रोधसमुद्घात यावत् लोभसमुद्घात से समवहत और असमयहत असुरकुमारों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प क्रोधसमुद्घात से समवहत असुरकुमार हैं, २. (उनसे) मानसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) मायासमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) लोभसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) असमवहत असुरकुमार संख्यातगुणे हैं। दं.३-११, २२-२४. इसी प्रकार वैमानिकों तक सर्वदेवों के (क्रोधादि समुद्घात) का अल्पबहुत्व कहना चाहिए। प्र. दं. १२. भंते ! १-४. क्रोध समुद्घात यावत् लोभ समुद्घात से समवहत और असमवहत पृथ्वीकायिकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? ४. लोभसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ५. असमोहया संखेज्जगुणा। दं.३-११,२२-२४.एवं सव्वदेवा जाव वेमाणिया। प. दं.१२. पुढविकाइयाणं भते !१-४ कोहसमुग्घाएणं जाव लोभसमुग्धाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा?
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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