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________________ AALAAAAAAAAAAAAAAAAAILER Y आगम अनुयोग ट्रस्ट के सम्माननीय आधार स्तंभ श्री बलदेवभाई डोसाभाई पटेल, अहमदाबाद आप मलतःसाणंद (गजरात) के निवासी हैं। बहत वर्षों से अहमदाबाद में ही व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं। व्यापारी समाज में आपकी महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठा है। आपके कॉटन का बहुत बड़ा व्यापार है, आप गुजरात व्यापारी महामण्डल के प्रमुख भी रहे हुए हैं। आप अखिल भारतीय शास्त्रोद्धार समिति के प्रमुख हैं एवं अनेक सामाजिक संस्थाओं के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। लोक-कल्याण के कार्यों में सदा तत्पर रहते हैं। अनेक वर्षों से आप ब्रह्मचर्य व्रत एवं रात्रि में चौविहार आदि का पालन करते हैं। प्रतिदिन सामायिक, प्रति-क्रमण तथा धार्मिक ग्रन्थों का स्वाध्याय ही आपकी दिनचर्या का प्रमुख अंग है। आप दृढ़ धर्मी, उदार हृदयी श्रावक हैं अतः स्थानीय समाज के अग्रणी माने जाते हैं। कालूपुर बैंक के आप चेयरमेन हैं। उपाध्याय प्रवर अनुयोग प्रवर्तक पूज्य गुरुदेव श्री कन्हैयालाल जी म. 'कमल' के सम्पर्क में आप सन् १९७६ में आये। उनके अनुयोग लेखन कार्य से प्रभावित होकर आपने आगम अनुयोग ट्रस्ट की स्थापना की, इस समय ट्रस्ट के प्रमुख भी आप ही हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती रुक्मणी बहिन भी धार्मिक भावना वाली थी. आपके सुपुत्र बच्चूभाई, बकुलभाई में धर्म के सुसंस्कार दृढ़ हैं। श्री नवनीत भाई चुन्नीलाल पटेल, अहमदाबाद आपने अनेक स्थानकों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। तपस्वियों का सम्मान करने में आपको विशेष रुचि रही है। पार्श्वनाथ कार्पोरेशन के आप मैनेजिंग डाइरेक्टर हैं। बरवाला सम्प्रदाय के आचार्य श्री चम्पक मुनि जी महाराज के अनन्य भक्त हैं। हरसिद्ध कोपरेटिव बैंक के आप चेयरमेन हैं। अपनी जन्मभूमि सुणाव में हॉस्पिटल के लिए पाँच लाख का महत्त्वपूर्ण दान दिया है। नवरंगपुरा, नारायणपुरा, नवा वाडज आदि अनेक संघों के एवं संस्थाओं के आप ट्रस्टी एवं प्रमुख है। आपके पिताश्री चुन्नीलाल भाई, माता सूरजबेन भी बहुत ही धर्मपरायण थी। साधू साध्वीजी की वैयावच्च हेतु अग्रणी रहते हैं। आपकी ध्यान साधना के साथ-साथ आगमो के प्रति भी विशेष रुचि है, प्रतिदिन अध्ययन करते हैं। अनुयोग के इस विशाल कार्य को सम्पन्न कराने में आपके पूरे परिवार का विशेष योगदान रहा है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप ट्रस्टी हैं। AHI 2, , , CE0050600303 CRBORB0B0B6Bउछाउछाउमा 65036003003 1005600
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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