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________________ ८०४ ३. सुसम - दुस्समा पलिभागे होज्जा, ४. दुस्सम सुसमा पतिभागे होज्जा ? उ. गोयमा ! जम्मणं -संतिभावं पडुच्च१. नो सुसम सुसमा परिभागे होज्जा, २. नो सुसमा पलिभागे होज्जा, ३. नो सुसम दुस्समा पलिभागे होज्जा, ४. दुस्सम सुसमा परिभागे होज्जा, प. बउसे णं भंते! किं ओसप्पिणि काले होज्जा, उस्सप्पिणि काले होज्जा, नो ओसप्पिणि नो उस्सप्पिणि काले होज्जा ? उ. गोयमा ! ओसपिणि काले वा होज्जा, उस्सप्पिणि काले वा होज्जा, नो ओसप्पिणि नो उस्सप्पिणि काले वा होज्जा, प. जइ ओसप्पिणि काले होज्जा, किं- सुसमसुसमा काले होज्जा जाव दुस्समदुस्समाकाले होज्जा ? उ. गोयमा ! जम्मणं - संतिभावं पडुच्च१. नो सुसमसुसमाकाले होज्जा, २. नो सुसमाकाले होज्जा, ३. सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, ४. दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, ५. दुस्समाकाले वा होज्जा, ६. नो दुस्समदुस्समाकाले वा होज्जा, साहरणं पडुच्च-अन्नयरे समाकाले होज्जा, प. जइ उस्सप्पिणिकाले होज्जा कि दुस्समदुस्समाकाले होज्जा जाय सुसमसुसमाकाले होज्जा ? उ. गोयमा ! जम्मणं पडुच्च१. नो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा, २. दुस्समाकाले वा होज्जा, ३. दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, ४. सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, ५. नो सुसमाकाले होज्जा, ६. नो सुसमसुसमाकाले होज्जा, सतिभाव पहुच्च १. नो दुस्सम- दुस्समा काले होज्जा, २. नो दुस्समा काले होज्जा, ३. दुस्सम-सुसमा काले वा होज्जा, ४. सुसम - दुस्समा काले वा होज्जा, ५. नो सुसमा काले होज्जा, ६. नो सुसम सुसमा काले होज्जा, साहरणं पडुच्च - अन्नयरे समाकाले होज्जा, प. जइ नो ओसप्पिणि नो उस्सप्पिणि काले होज्जा, किं १. सुसम सुसमा पलिभागे होज्जा, द्रव्यानुयोग - (२) ३. अपरिवर्तनशील सुसम - दुसमा काल में होता है, ४. अपरिवर्तनशील दुसम सुसमा काल में होता है ? उ. गौतम ! जन्म और सद्भाव की अपेक्षा से १. अपरिवर्तनशील सुसम सुसमा काल में नहीं होता है, २. अपरिवर्तनशील सुसमा काल में नहीं होता है, ३. अपरिवर्तनशील सुसम दुसमा काल में नहीं होता है, ४. अपरिवर्तनशील दुसम सुसमा काल में होता है। प्र. भन्ते ! बकुश क्या अवसर्पिणी काल में होता है, उत्सर्पिणी काल में होता है, नो अवसर्पिणी नो उत्सर्पिणी काल में होता है ? उ. गौतम ! अवसर्पिणी काल में भी होता है, उत्सर्पिणी काल में भी होता है और नो अवसर्पिणी नो उत्सर्पिणी काल में भी होता है। प्र. यदि अवसर्पिणी काल में होता है तो क्या सुसम सुसमा काल होता है यावत् सम-दुसमा काल में होता है ? उ. गौतम ! जन्म और सद्भाव की अपेक्षा से १. सुसम सुसमा काल में नहीं होता है, २. सुसमा काल में नहीं होता है, ३. सुसम दुसमा काल में होता है, ४. दुसमसुसमा काल में होता है, ५. दुसमा काल में होता है. ६. दुसम- दुसमा काल में नहीं होता है। साहरण की अपेक्षा से किसी भी काल में हो सकता है। प्र. यदि उत्सर्पिणी काल में हो तो क्या दुम-दुसमा काल में होता है यावत् सुसम सुसमा काल में होता है ? उ. गौतम ! जन्म की अपेक्षा से १. दुसम-दुसमा काल में नहीं होता है, २. दुसमा काल में होता है, ३. दुसम सुसमा काल में होता है, ४. सुसम - दुसमा काल में होता है, ५. सुसमा काल में नहीं होता है, ६. सुसम सुसमा काल में भी नहीं होता है। सद्भाव की अपेक्षा से १. दुसम - दुसमा काल में नहीं होता है, २. दुसमा काल में नहीं होता है, ३. दुसम सुसमा काल में होता है, ४. सुसम दुसमा काल में होता है, ५. सुसमा काल में नहीं होता है, ६. सुसम सुसमा काल में भी नहीं होता है। साहरण की अपेक्षा से किसी भी काल में हो सकता है। प्र. यदि नो अवसर्पिणी नो उत्सर्पिणी काल में होता है तो क्या १. अपरिवर्तनशील सुसम सुसमा काल में होता है,
SR No.090159
Book TitleDravyanuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages806
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size29 MB
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