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________________ ज्ञान अध्ययन - ५१ ) ७. औपशमिकक्षायिक-क्षायोपशमिक निष्पन्न भाव, ८. औपशमिक-क्षायिक पारिणामिक निष्पत्रभाव, ९. औपशमिक-क्षायोपशमिक-पारिणामिकनिष्पन्नभाव, ७. अस्थि णामे उवसमिए खइए खओवसमनिप्फन्ने, ८. अस्थि णामे उवसमिए खइए पारिणामियनिष्फन्ने, ९. अस्थि णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने, १०. अस्थि णामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने, प. १.कयरे से णामे उदइए उवसमिए खयनिष्फन्ने? उ. उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं एस णं से __णामे उदइए उवसमिए खयनिष्फन्ने। १०. क्षायिक-क्षायोपशमिक-पारिणामिकनिष्पन्नभाव। प्र. १. औदयिक-औपशमिक क्षायिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. औदयिकभाव मनुष्यगति उपशांतकषाय औपशमिकभाव और क्षायिकसम्यक्त्व क्षायिकभाव, यह औदयिक औपशमिक-क्षायिकनिष्पन्नभाव है। प्र. २.औदयिक-औपशमिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव क्या है? प. २. कयरे से णामे. उदइए उवसमिए खयोवसमियनिष्फन्ने? उ. उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खओवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे उदइए उवसमिए खओवसमनिप्फन्ने। प. ३.कयरे सेणामे उदइएउवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने? उ. उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया पारिणामिए जीवे, एस . णं से पामे उदइए उवसमिए-पारिणामियनिष्फन्ने। प. ४. कयरे से णामे उदइए खइए खओवसमनिप्फन्ने? उ. उदए ति मणूसे खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे उदइएखइए खओवसमनिष्फन्ने। प. ५.कयरे से णामे उदइए खइए पारिणामियनिष्फन्ने? उ. उदए त्ति मणूसे खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे एस णं से नामे उदइए खइए पारिणामियनिष्फन्ने। उ. मनुष्यगति औदयिकभाव, उपशांतकषाय औपशमिकभाव __ और इन्द्रियां 'क्षायोपशमिकभाव, यह औदयिक औपशमिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव है। प्र. ३.औदयिक-औपशमिक पारिणामिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. मनुष्यगति औदयिकभाव, उपशातकषाय औपशमिकभाव और जीवत्व पारिणामिक भाव यह औदयिक-औपशमिकपारिणामिकनिष्पन्नभाव है। प्र. ४. औदयिक-क्षायिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्न भाव क्या है? उ. मनुष्यगति औदयिक भाव, क्षायिक सम्यक्त्व क्षायिकभाव और इन्द्रियां क्षायोपशमिकभाव यह औदयिक क्षायिक क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव है। प्र. ५.औदयिक-क्षायिक-पारिणामिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. मनुष्यगति औदयिकभाव क्षायिक सम्यक्त्व क्षायिकभाव और जीवत्व पारिणामिकभाव, यह औदयिक-क्षायिकपारिणामिक निष्पन्न भाव है। प्र. ६. औदयिक - क्षायोपशमिक - पारिणामिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. मनुष्यगति औदयिकभाव, इन्द्रियां क्षायोपशमिकभाव और जीवत्व पारिणामिकभाव, यह औदयिक क्षायोपशमिक पारिणामिक निष्पन्न भाव है। प्र. ७. औपशमिक-क्षायिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. उपशांतकषाय औपशमिकभाव, क्षायिकसम्यक्त्य क्षायिकभाव, इन्द्रियां क्षायोपशमिकभाव, यह औपशमिक क्षायिक क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव है। प्र. ८. औपशमिक-क्षायिक-पारिणामिकनिष्पन्नभाव क्या है? उ. उपशांतकषाय औपशमिकभाव, क्षायिकसम्यक्त्व क्षायिकभाव, जीवत्व पारिणामिकभाव, यह औपशमिक क्षायिक पारिणाामिकनिष्पन्न भाव है। प्र. ९.औपशमिक-क्षायोपशमिक पारिणामिकनिष्पन्न भाव क्या प. ६. कयरे से णामे उदइए खओवसमिए ___पारिणामियनिष्फन्ने? उ. उदए ति मणूसे खओवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जीवे एस णं से णामे उदए खओवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने। प. ७. कयरे से णामे उवसमिए खइए खओवसमनिप्फन्ने? उ. उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे उवसमिए खइए खओवसमनिष्फन्ने। प. ८. कयरे से णामे उवसमिएखइए पारिणामियनिष्फन्ने? उ. उवसंता कसाया,खइयं सम्मत्तं,पारिणामिए जीवे, एस ... णं से णामे उवसमिए खइए पारिणामियनिष्फन्ने। प. ९. कयरे से णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने? उ. उवसंता कसाया खओवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस पां से णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिष्फन्ने। उ. उपशांतकषाय औपशमिकभाव, इन्द्रियां क्षायोपशमिकभाव और जीवत्व पारिणामिकभाव, यह औपशमिक क्षायोपशमिक-पारिणामिकनिष्पन्न भाव है।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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