________________
卐
समर्पण
श्रुत सागर को कण्ठ-कुंभ में भरने वाले अनेक आगमों के व्याख्याता,
श्रमण संघ के प्रथम आचार्य प्रवर? श्री आत्माराम जी महाराज ? आपके इस दीक्षा शताब्दी वर्ष सादर श्रद्धापूर्वक समर्पित है द्रव्यानुयोग के प्रथम खण्ड रूप ज्ञानांजलि
विनीत
- उपाध्याय मुनि कन्हैयालाल 'कमल' महासती मुक्तिप्रभा महासती दिव्यप्रभा