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________________ ४९० द्रव्यानुयोग-(१) उ. गोयमा!अणंता। प. केवइया बद्धेल्लगा? उ. गोयमा ! अट्ठ। प. केवइया पुरेक्खडा? उ. गोयमा !कस्सइ अत्थि, कस्सइणत्थि, जस्सऽत्थि अट्ठ वा, सोलस वा, चउवीसा वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा,अणंता वा। प. दं. २. एगमेगस्स णं भंते ! णेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवइया दव्विंदिया अतीता? उ. गोयमा ! अणंता। - प. केवइया बद्धेल्लगा? उ. गोयमा !णत्थि। प. केवइया पुरेक्खडा? उ. गोयमा !कस्सइ अस्थि, कस्सइणत्थि, जस्सऽस्थि अट्ठ वा, सोलस वा, चउवीसा वा, संखेज्जा वा,असंखेज्जा वा,अणंता वा। दं.३-११ एवं जाव थणियकुमारत्ते। प. द. १२ एगमेगस्स णं भंते ! णेरइयस्स पुढविकाइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता? उ. गोयमा ! अणंता। प. केवइया बद्धेल्लया? उ. गोयमा !णत्थि। प. केवइया पुरेक्खडा? उ. गोयमा !कस्सइ अस्थि,कस्सइणत्थि, जस्सऽत्थि एक्को वा, दो वा, तिण्णि वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा। दं.१३-१६एवं जाव वणस्सइकाइयत्ते। उ. गौतम ! अनन्त हैं। प्र. बद्ध द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! आठ हैं। प्र. पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! किसी नारक के होती हैं और किसी के नहीं होती हैं। जिसके होती हैं, उसके आठ, सोलह, चौबीस, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त होती हैं। प्र. दं.२. भन्ते ! एक एक नैरयिक की असुरकुमार पर्याय में अतीत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! अनन्त हैं। प्र. बद्ध द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! नहीं हैं। प्र. पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! किसी के होती हैं और किसी के नहीं होती हैं। जिसके होती हैं, उसके आठ, सोलह, चौबीस, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त होती हैं। द. ३-११ इसी प्रकार स्तनितकुमार पर्याय पर्यंत जानना चाहिए। प्र. दं. १२. भन्ते ! एक एक नैरयिक की पृथ्वीकायपने में अतीत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! अनन्त हैं। प्र. बद्ध द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! नहीं हैं। प्र. पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! किसी के होती हैं और किसी के नहीं होती हैं। जिसके होती हैं, उसके एक. दो, तीन या संख्यात, असंख्यात या अनन्त होती हैं। द.१३-१६. इसी प्रकार वनस्पतिकाय पर्याय पर्यंत जानना चाहिए। प्र. दं. १७. भन्ते ! एक एक नैरयिक की द्वीन्द्रियपने में कितनी अतीत द्रव्येन्द्रियां हैं ? उ. गौतम ! अनन्त हैं। प्र. बद्ध द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! नहीं हैं। प्र. पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां कितनी हैं ? उ. गौतम ! किसी के होती हैं और किसी के नहीं होती हैं। जिसके होती हैं, उसके दो, चार, छह, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त होती हैं। दं. १८. इसी प्रकार त्रीन्द्रिय पर्याय के लिए जानना चाहिए। विशेष-उसकी पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां चार, आठ, बारह, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त हैं। दं.१९. इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय पर्याय के लिए जानना चाहिए। विशेष-उसकी पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियां छह, बारह, अठारह, संख्यात, असंख्यात अथवा अनन्त हैं। प. द.१७. एगमेगस्स णं भंते !णेरइयस्स बेइंदियत्ते केवइया दबिंदिया अतीता? उ. गोयमा ! अणंता। प. केवइया बद्धेल्लगा? उ. गोयमा !णत्थि। प. केवइया पुरेक्खडा? उ. गोयमा !कस्सइ अस्थि,कस्सइणत्थि, जस्सऽत्थि दो वा, चत्तारि वा, छ वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा। दं.१८ एवं तेइंदियत्ते वि। णवर-पुरेक्खडा चत्तारि वा, अट्ठ वा, बारस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा। दं.१९ एवं चउरिदियत्ते वि। णवरं-पुरेक्खडा छ वा, बारस वा, अट्ठारस वा, संखेज्जा वा,असंखेज्जा वा,अणंता वा।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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