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________________ योनि अध्ययन प. (ख) सम्मुच्छिममणुस्साणं भंते ! किं सीता जोणी, उसिणा जोणी, सीतोसिणा जोणी ? उ. गोयमा ! तिविहा वि जोणी । प. (ग). गव्यवक्कतियमणुस्साणं भंते किं सीता जोणी, उसिणा जोणी, सीतोसिणा जोणी ? उ. गोयमा ! नो सीता जोणी, नो उसिणा जोणी, सीतोसिणा जोणी । प. दं. २२. वाणमंतरदेवाणं भंते! किं सीता जोणी, उसिणा जोणी, सीतोसिणा जोणी ? उ. गोयमा नो सीता जोणी, नो उसिणा जोणी, सीतोसिणा जोणी । द. २३-२४. जोइसिय-वेमाणियाण वि एवं चेव । - पण्ण. प. ९, सु. ७३८-७५२ २. सीयाइजोणिय जीवाणं अप्पबहुत्तंप. एएसि णं भंते ! जीवाणं सीयाजोणियाणं उसिणाजोणियाण सीओसिणजोणियाणं अजोणियाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोवमा ! १. सव्यत्योवा जीवा सीओसिणजोणिया २. उसिणजोणिया असंखेज्जगुणा, ३. अजोणिया अणंतगुणा, ४. सीवजोणिया अनंतगुणा' । - पण्ण. प. ९, सु. ७५३ ३. सचित्ताइ जोणी भेया चउबीसदंडएस य पलवणं प. कइविहा णं भंते ! जोणी पण्णत्ता ? उ. गोयमा ! तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा १. सचित्ता, २. अचित्ता, ३. मीसिया । प. दं. १. नेरइयाणं भंते! किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी ? उ. गोयमा ! नो सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, णो मीसिया जोणी । प. दं. २. असुरकुमाराणं भंते किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी ? उ. गोयमा ! नो सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, नो मीसिया जोणी । ६. ३-११. एवं जाव धणियकुमाराणं । प. . १२. पुढविकाइयाणं भंते! किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी ? ५. विया. स. १०, उ. २, सु. ४ उ. गोयमा ! सचित्ता वि जोणी, अचित्ता वि जोणी, मीसिया वि जोणी । दं. १३-१९. एवं जाव चउरिंदियाणं । २७५ प्र. (ख) भन्ते ! सम्मूर्च्छिग मनुष्यों की क्या शीत योनि है, उष्ण योनि है या शीतोष्ण योनि है ? उ. प्र. गौतम ! उनकी तीनों प्रकार की योनि है । (ग) भन्ते । गर्भज मनुष्यों की क्या शीत योनि है, उष्ण योनि है या शीतोष्ण योनि है? उ. गौतम । उनकी शीत योनि और उष्ण योनि नहीं है, किन्तु शीतोष्णं योनि है। प्र. दं. २२. भन्ते ! वाणव्यन्तर देवों की क्या शीत योनि है, उष्ण योनि है या शीतोष्ण योनि है ? उ. गौतम ! उनकी शीत योनि, उष्ण योनि नहीं है, किन्तु शीतोष्ण योनि है। द. २३-२४. इसी प्रकार ज्योतिष्कों और वैमानिक देवों की योनि के विषय में भी जानना चाहिए। २. शीतावियोनिक जीयों का अल्पबहुत्व प्र. भन्ते ! इन शीतयोनिक जीवों, उष्णयोनिक जीवों, शीतोष्णयोनिक जीवों तथा अयोनिक जीवों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प जीव शीतोष्णयोनिक हैं, २. (उनसे) उष्णयोनिक जीव असंख्यातगुणे हैं, ३. ( उनसे ) अयोनिक जीव अनन्तगुणे हैं, ४. ( उनसे ) शीतयोनिक जीव अनन्तगुणे हैं। ३. सचित्तादि योनि भेद और चौबीस दंडकों में प्ररूपण प. भंते! योनि कितने प्रकार की कही गई है ? उ. गौतम ! योनि तीन प्रकार की कही गई है, , यथा१. सचित्त योनि, २ अचित्त योनि, ३. मिश्र योनि । . प्र. दं. १. भन्ते ! नैरयिकों की क्या सचित्त योनि है, अचित्त योनि है या मिश्र योनि है ? उ. गौतम! नैरयिकों की सचित्त और मिश्र योनि नहीं है किन्तु अचित्त योनि है। प्र. नं. २. भन्ते । असुरकुमारों की योनि क्या सचित्त है अधित्त है या मिश्र है ? उ. गौतम ! उनके सचित और मिश्र योनि नहीं है किन्तु अचित्त योनि है। ६. ३-११. इसी प्रकार स्तनितकुमारों पर्यन्त योनि के विषय में समझना चाहिए। प्र. नं. १२. भन्ते पृथ्वीकायिक जीवों की योनि क्या सचित है अचित्त है या मिश्र है ? उ. गौतम उनकी योनि सचित्त भी है, अचित्त भी है और मिश्र भी है। दं. १३-१९. इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय जीवों पर्यन्त योनि के विषय में जानना चाहिए।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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