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३५१
४८२
० ur
३५५
० ,
०
निषेध
०
३५६
विषय सूत्रांक पृष्ठांक विषय
पूत्रक पृष्ठांक परिकम निषेध–४
(२) परिकर्म करण-प्रायश्चित्त गृहस्थत काय क्रिया को अनुगोपना का निषेध ५१ ५३७ स्व-शरीर शरेकर्म-प्रायश्चित्त -१ गृहस्थकृत शरीर के परिकर्मों की अनुमोदना
शरीर परिकम के प्रायश्चित्त सूत्र ४६६ का निषेध मैल दूर करने के प्रायश्चित्त सूत्र
३५२ गृहस्थकृत पादपरिकर्म की अनुमोदना
पाद परिकर्म के प्रायश्चित्त सुत्र
३५२ का निषेध
४८३ ३३८
मखान भागों के परिकर्म का प्रायश्चित्त सूत्र ५०२ ३५३ उद्यानादि में गृहस्थकृत पर आदि के परिकर्मों
जंघादि रोम परिकों का प्रायश्चित्त सूत्र ५०३ ३५३ की अनुमोदना का निषेध
४८४ ओष्ठ परिकर्म के प्रायश्चित्त सूत्र
३५४ गृहस्थकृत पादपरिकर्म का निषेध ४-५
उत्तरोष्टादि रोम परिकों के प्रायश्चित्त सूत्र ५०५ ३५४ गृहस्थ द्वारा मैल निकालने की अनुमोदना
दन्त परिकम के प्रायश्चित्त सूत्र का निषेध
चक्षु परिकर्म के प्रायश्चित्त सूत्र
३५५ गृहस्थकृत रोम परिकों की अनुमोदना का
अक्षि पत्र परिकर्म का प्रायश्चित्त सुत्र
४८७ ३४० भौंहादि रोम परिकों के प्रायश्चित्त सूत्र भिक्ष-भिक्षुणी की अन्योन्य परिकर्म किया की
केशों के परिकर्म का प्रायश्चित्त सूत्र अनुमोदना का निषेध
मस्तक बुकने का प्रायश्चित्त सूत्र
३५७ अन्योन्य पादादि परिकर्म क्रिया की अनुमोदना
परस्पर शरीर परिकर्म प्रायश्चित्त-२ ___ का निषेध
४ ३४०
एक दूसरे के शरीर परिकर्म के प्रायश्चित्त सूत्र ५१२ १–चिकित्साकरण प्रायश्चित्त (५)
एक दुसरे के मैल निकालने के प्रायश्चित्त सत्र ५१३ ३५% विभूषा के संकल्प से स्व-शरीर की चिकित्सा के प्रायश्चित्त-१ एक दूसरे के पाद परिकर्म के प्रायश्चित्त सत्र ५१४ ३१८ विभुषा के संकल्प से व्रणों को चिकित्सा
एक दूसरे के नवाग्र काटने का प्रायश्चित्त सूत्र ५१५ ३५६ करवाने के प्रायश्चित्त सुत्र
४६०
एक दूसरे के जंघादि के रोमों के परिकों के विभूषा के संकल्प से गण्डादि की चिकित्सा
प्रायश्चित्त सुत्र करने के प्रायश्चित्त मूत्र
४६१ ३४२ एक दूसरे के होठों के परिकमों के विभूषा के संकल्प से कृमि निकालने का
प्रायश्चित्त सूत्र प्रायश्चित्त सूत्र । ४६२ ३४३ एक दूसरे के उत्तरोष्ठ रोमादि परिकों के मथुन के संकल्प से स्व-शरीर को चिकित्सा के प्रायश्चित-२
प्रायश्चित्त सूत्र
एक दूसरे के दांतों के परिकर्मों के प्रायश्चित्त मैथुन सेवन के संकल्प से व्रण की चिकित्सा करने के प्रायश्चित्त सूत्र
सूत्र
एक दूसरे के आँखों के परिवों के मैथुन सेवन के संकल्प से गण्डादि चिकित्सा करने के प्रायश्चित्त सूत्र
प्रायश्चित्त सूत्र
४९४ मयुन सेवन के संकल्प से कृमि निकालने का
एक दूसरे के अक्षिपत्र के परिफर्म के
प्रायश्चित्त सूत्र प्रायश्चित्त सूत्र
एक दूसरे के भौंह आदि के परिकर्मों के मैथुन सेवन के संकल्प से परस्पर विकित्सा के प्रायश्चित्त-३ प्रायश्चित्त मूत्र
५२२ ३६२ मैथन सेवन के संकल्प से परस्पर प्रण की
एक दुसरे के केशों के परिकर्म का चिकित्सा करने के प्रायश्चित्त
प्रायश्चित्त सुत्र
५२३ ३६ मैथुन सेवन के संकल्प से परस्पर गण्डादि की
एक दूसरे के मस्तक हुकने का प्रायश्मिस सूत्र ५२४ ३६३ चिकित्सा करने के प्रायश्विन सूत्र ४६७ ३४८ अग्यतीथिकादि द्वारा स्व शरीर का परिकर्म करवाने का मैथुन सेवन के संकल्प से परस्पर कृमि
प्रायश्चित्त सूत्र-३ निकलवाने का प्रायश्नित सूत्र ४६८९५० शरीर का परिकाम करवाने के प्रायश्चित सूत्र ५२५ १६३
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