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अथ रात्रि भोजनविरतिअणुव्रत जाप्यमंत्राः
ॐ ह्रीं मनसा कृतरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः।। १।। ॐ ह्रीं मनसा कारितरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः ।। २।। ॐ हीं मनसानुमोदितरानिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः ।। ३।। ॐ ह्रीं वचसा कृतरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः। Cli ॐ हीं वचसा कारितरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः।। ५।। ॐ हीं वचसानमोदितरात्रिभोजनविरत्यणव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः।। ६।।। ॐ ह्रीं वपुषा कृतरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः।। ७।। ॐ हीं वपुषा कारितरात्रिभोजनविरत्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः ।।८।। ॐ हीं वपुषानमोदितरात्रिभोजनविरच्यणुव्रत प्रोषधोद्योतनाय नमः।।६।।
इति रात्रिभोजनस्य प्रकार: ७५
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