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ॐ हीं मनसा कृतींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः ।। १।। ॐ हीं मनसा कारितींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः।। २।। ॐ हीं मनसानुमोदितीन्द्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः।। ३।। ॐ हीं चला कृतदिगमाप्तगिविरतिमहावत प्रोषद्योतनाय नमः।। ४।। ॐ ह्रीं वचसा कारितत्रींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः ।। ५।। ॐ हीं वचसानुमोदितींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः।। ६।। ॐ हीं वपुषा कृतींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः ।। ७11 ॐ हीं वपुषा कारितींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः।। ८1। ॐ हीं वपुषानुमोदितींद्रियपर्याप्तहिंसाविरतिमहाव्रत प्रोषद्योतनाय नमः।। ६||
इति अहिंसावतस्य सप्तमः प्रकार : १
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