SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 407
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पर्षासागर [ ३८५ ] जो भव्य जीव आनंदित और एकाप्रचित्त होकर पाँचसौ बार इस केवल अकार अक्षरका जप करते । हैं उनको एक उपवासका फल प्राप्त होता है तथा बहुतसे कर्मोको निर्जरा होती है । ऐसा यह केवल एक अकार है । सो हो ज्ञानार्णवमें लिखा हैअवर्णस्य सहनाई जपन्नानन्दसंभृतः। प्राप्नोत्येकोपवासस्य निर्जरा निर्जिताशयः ।। इसके सिवाय इस आकारको अन्य मतियोंफे शास्त्रोंमें विष्णु संज्ञा कही है। सो ही एकाक्षरी वर्णमात्रा कोशमें लिखा है अकारो विष्णुनामा स्यात्। विष्णुका अर्थ सर्व व्यापक है । श्रोअरहंत भगवान अपने केवलज्ञानके द्वारा तीनों लोकोंमें रहनेवाले घर, अपर समस्त पदार्थोके त्रिकालवी द्रव्य.गण. पर्यायोंको एक समयमें ही जानते हैं उनके ज्ञानके बाहर कोई पदार्थ नहीं है । इस प्रकार सिद्ध होता है कि सर्व व्यापक एक सर्वज्ञ देष ही हैं और कोई नहीं है। अन्यमती लोग सर्वव्यापक विष्णुको कहते हैं परंतु विष्णु सर्वध्यार बम नहीं समझा। इसका भी। कारण यह है कि किसी एक दिन अर्जुनका संदेह दूर करने के लिये विष्णुने अपना मुख फाड़कर अपनी वाहमें तीनों लोक विखाये थे। जब उसको बाढ़में ही सोनों लोक आ गये तब वह व्यापक कहां रहा ? परन्तु फिर भी उसको व्यापक कहते हैं सबमें व्याप्त बतलाते हैं जैसा कि विष्णुपंजरमें लिखा है-- जले विष्णुः थले विष्णुः विष्णुः पर्वतमस्तके । ज्वालामालाकुले विष्णुः सर्वविष्णुमयं जगत् ॥ मार्कंडेय पुराणमें भी लिखा हैपृथिव्यामप्यहं पार्थं वायावग्नौ जलेप्यहम् । वनस्पतिगतस्याहं सर्वभूतगतोप्यहम् ॥ अर्थात् पृथ्यो, जल, अग्नि, वायु, वनस्पति आदि सबमें हूँ। यह समस्त संसार विष्णुरूप है। इस प्रकार विरुणुको सर्वव्यापक मानते हैं परन्तु जब महाकालासुरने विष्णु के पुत्र प्रद्युम्नकुमारको हर लिया था तब कृष्णको मालूम भी नहीं हुआ था। इसी प्रकार रामावतारमें जब सोताका हरण हुआ था तब है रामचंद्र उसके विरहसे पर्वत, वृक्ष, पक्षी आदि सबसे सीताको पूछते थे। सोलाको कौन हर ले गया सो भो उनको ।
SR No.090116
Book TitleCharcha Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChampalal Pandit
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages597
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy