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________________ पृष्ठ वक्ति अशुद्धता शुद्धता ६९७ १ चौतीसस्थान वर्शन ६५८ १०१ में २ काने में नियोग ३९८ १ २रेका. में इकरा ६१८ ६९८ २९ चौतीसस्थान दर्शन का विवरण, नियोग इतरा " भानो , जय मानी ईसानो २ रे काने में तरक १ले का. में कर्मकार आतंगति ,, निसच १ले कान में सुधाशिव , परपत्र जन का. २ में का. ११ में ४ बवानो नरक कर्मकाट अतिगति तिर्थप मुर शिव परपंच जन ७०२ ७०४ ५०६ ७०८ ७०८ ४ मादिक १ ले काने में कम २ रे कान में सज्वलन मान ., नामकम के ६५ नामादिक कर्म संघलना क्रोध मान नामकर्म के ६७ भेद है , ८८ " फल २ रे माने में बंधन ५ और फक्त बंधन ५ मंधात ५ और गति ७१० २१ " आणि बंधन ये संथात ५ औदारिक शरीर संघात २ रे काने में गंडरा , पिबका गति देवगति और बंधन आहारकः बारीर । बंधन तंजस शरीरबंधन सफेद पीला ये २ ७११ ७ ७११ २० १ ले काने में ८ १ जानना २८ २१ जानना ७१ २३ २रे कने में अभु अदाम
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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