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________________ पृष्ठ पंक्ति मारता गुबता ३२९ २१ ३३०१ का. ३ में २३ के भग का ६ में ६-२ २-३-१२-३ ३३१ ४ का, ८ में अपने अपने का. में २५२८-३१-२६-२८-२९-२९ का. में २४.१२ २२-२५-२६-२५ का. में के समान का. में .. १७ देखी जाने प्रायो, कोई एक मंग जानना। २९-२७-२८-३१-२८ २९-२९ २४-२२-२६-१५ ४७ के समान सारेभंग को, नं. १९ देखो को. मं. १९१ मंग ३३२ १. का ८ में । ३३५ ३३५ ३३५ १ ६ ७ काई १ भग को नं. १७६खी कोई : भंग को. में, १७ देखा का.५ में को भ.१६ , १८-१७ देखा का. ८ में को नं. १ का, ८ में १८-१७ देखों का ६ में का.८ में का. मे. २३-२३-२३-२३-२३-२३ .६ में स्त्री का ३ में कों में.. २३७ ११ .. ३३८ ४ को में १६ देखो को में १६ देखो ३२-२३-२३-२३ स्त्री-पुरुष की.न. १६. २-३ के १ असंयम १ असंयम ३२८ का.४ में के नीचे ३३८ १० का ५ में के मीचे ३३८ ११ का. ४ में.२ में से २३८ ११ का ५ में दी में से का.६ में ५-१ में से १-१ में से 1-४-४-३-४-४ भंग ३३.३०-३१-11-२९-२१ ३४५ ३ का. ३ में ३३.३१-३१-२९-२९ का.२ में ४ का ८ में सारेभंग से सारेम ३४५ १अंग १ भंग
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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