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________________ - शुद्धि-पत्र [नंबर १] चौंतीसस्थान दर्शन कोष्टक के शिरनामा में (हेडिंग में) जो अशुद्धियां है उनका शुद्धिकरण निम्न प्रकार कर लेना चाहिये, पंक्ति अशुद्धता शुद्धता मिस्वास्वगुणस्थान मिथ्यात्वगुणस्थान में (कालम) ६.५-५-७ कोप्टक नंबर २ सातादन गणस्थान के विरनामा डिग) में ३ से८ कॉलम में का विषय कोप्टक नंबर के समान (हेडिंग) सुधार कर मेन। चाहिये. सामान आलाप सामान्य आलाप Wala - सूचना:- इसी तरह और जगह जहां जहां सामान शन्द हो वहां वहां सामान्य समझना. सासादन गुणस्थान मिश्रगुणस्थानमें पर्याप्त और नमीप्त केलीना यह रेखा निकालकर कालम ५-६ के बीच रखना चाहिये कॉलम ३ में ३ अंक लिखलेना चाहिये कॉलम ४ में ४ अंक लिख लेना चाहिये पति और अपर्याप्त के बीच का यह रेखा निकालकर कालम ५-६ के बीच लगाना चाहिये और अपर्याप्त यह शब्द कालम ६-७.८ में चाहिये. पुष्ट ७०, ७३-७५-७८८७ तथा ८३ में नंबर. 99990 पर्याप्त और अपर्याप्त के बीचका यह - रेखा निकालकर कालम ५-६ के बीच में लगाना चाहिये. ६-७-८ शुद्धि-पत्र ( नंबर २) प्रत्येक स्थानका विषयके २ रे कालमसे आगे ८ कालम सक एक विषय के सामने एक एक विषय आना चाहिये परंतु यहां हरेक घने में अनेक जगह का विषय इस प्रकार एक के सामने एक विषय नहीं आया है वितयां ऊपर नोचे हो गये है। उदाहरणार्थ पृष्ट २९ में १२ ज्ञान स्थान देखो ३ रे कालम में ४) कालम में ५ वे कालम में १ भंग १ज्ञान का विषय इस प्रकार एक
SR No.090115
Book TitleChautis Sthan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAadisagarmuni
PublisherUlfatrayji Jain Haryana
Publication Year1968
Total Pages874
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & Karm
File Size16 MB
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